गंगातट पर 51,000 दीप जलाकर मनाया उत्तराखण्ड राज्य स्थापना का रजत जयंती पर्व उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृति वैभव की रक्षा और सतत विकास में भागीदारी के संकल्प लिए
हरिद्वार में उत्तराखण्ड राज्य के 25वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 11 नवम्बर को हर की पैड़ी क्षेत्र में विराट दीपोत्सव का आयोजन हुआ। सायंकाल गंगा आरती के समय हर की पैड़ी के दोनों ओर लगभग दो किलोमीटर क्षेत्र में 4,00,000 दीप प्रज्वलित किए गए। पूरा क्षेत्र जलते दीपों की दिव्यता से जगमगा रहा था। गायत्रीतीर्थ शान्तिकुञ्ज की राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह में विशेष भागीदारी रही। शान्तिकुञ्ज के आश्रमवासी, शिविरार्थी साधकों एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थियों ने मिलकर जयराम आश्रम पुल, शिव स्वरूप आश्रम, राम चबूतरा, श्याम होटल, आशापुरा जोधपुर भोजनालय, कांगडा पुलिया, वीआईपी घाट, विवेकानंद पार्क के घाटों पर लगभग 51,000 दीप प्रज्वलित किए। 2,000 से अधिक स्वयंसेवक इस दीपोत्सव में शामिल हुए। उत्तराखण्ड स्थापना के दीपोत्सव में शान्तिकुञ्ज की भागीदारी निराली थी। श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी, श्रद्धेय शैल जीजी और आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने प्रदेश के वरिष्ठ नेतृत्व एवं अधिकारियों सहित सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए राज्य के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं समग्र विकास में बढ-चढ़कर भागीदारी का आश्वासन दिया। शान्तिकुञ्ज और हरिद्वार, देहरादून, टिहरी गढ़वाल सहित राज्य के सभी जिलों में स्थित समस्त प्रज्ञा संस्थानों में भी दीपोत्सव मनाया गया। हर की पैड़ी पर मनाया गया विशाल दीपोत्सव अद्भुत था। वहाँ केवल दीप ही नहीं जले, युग निर्माणी केसरिया वस्त्रों में पहुँचे कार्यकर्त्ता भी अपने संकल्प और उल्लास की निराली आभा बिखेर रहे थे। सबने मिलकर घाटों को तरह-तरह की रंगोलियों से सजाया और उनपर दीप जलाए। दीपोत्सव को दीपयज्ञ की भाँति मनाया गया। पूरे क्षेत्र में साउंड सिस्टम लगाया गया, जिसके माध्यम से अंत:करण में उमंग जगाते प्रेरणादायी प्रज्ञागीत बजाये गए। गायत्री महामंत्र और महामृत्युंजय मंत्र से आहुतियाँ दी गइर्ं। देवभूमि उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक वैभव की रक्षा हेतु अपने योगदान के संकल्प लिये गए। दीपोत्सव का यह कार्यक्रम युवा युगनायक आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। वे आदरणीया शेफाली जीजी के संग प्रत्येक गंगाघाट तक गए, दीप जलाये, आरती की, कार्यकर्त्ताओं का उत्साह बढ़ाया।
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