राष्ट्रीय नदी संगम 2024
नदियों के संरक्षण पर केंद्रित भारत सरकार केआयोजन में शान्तिकुञ्ज की भागीदारी
नदियों के पुनरूद्धार के लिए समाज में हर व्यक्ति अपनी भूमिका निभाए। - डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी
नई दिल्ली : दिनांक 4 नवम्बर 2024 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय नदी संगम 2024’ का आयोजन संपन्न हुआ। भारत एवं मानवता के भविष्य को सँवारने के भाव से किये गए इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में देशभर से विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने नदियों के संरक्षण और पुनरूद्धार के लिए अपने विचार साझा किये। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रति कुलपति एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी इस सम्मेलन में विशेष रूप से आमंत्रित थे। उन्होंने कहा कि नदियाँ केवल जल का स्रोत नहीं, हमारी संस्कृति की जीवनधारा हैं। नदी संरक्षण का अर्थ केवल पर्यावरण बचाना नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक शुद्ध और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करना है। यह प्रयास तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक समाज का हर व्यक्ति इसमें अपनी भूमिका नहीं निभाता। शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि ने श्रोताओं को जलस्रोतों के संरक्षण के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा किये गये भागीरथी प्रयासों की जानकारी भी दी। भारत के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, स्वामी चिदानंद सरस्वती (परमार्थ निकेतन), श्री रमाकांत जी (भारतीय नदी परिषद के अध्यक्ष) श्री मनु गौड़ जी और अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। सभी ने नदियों के संरक्षण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई और इस दिशा में ठोस और सामूहिक प्रयास करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों को परम पूज्य गुरूदेव का साहित्य भेंट किया।
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