नया साहित्य : श्रीमद्भागवत महापुराण (कथा सप्ताह)
हमारे समाज में कथाओं का बहुत प्रचलन है। इसीलिए परम पूज्य गुरूदेव ने वर्तमान युग की समस्याओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रज्ञा पुराण की रचना की है। अपने मिशन में प्रज्ञा पुराण का ही प्रचलन है और इसी को प्रोत्साहन दिया जाना है। तथापि परम्परागत रूप से श्रवण की जाने वाली भागवत कथाओं में भी युग चिंतन का समावेश किया जाना चाहिए। इस् आवश्यकता को देखते हुए शान्तिकुञ्ज के वेद विभाग ने ‘श्रीमद्भागवत महापुराण (कथा सप्ताह)’ की रचना की है।
श्रीमद्भागवत महापुराण (कथा सप्ताह) 472 पृष्ठ का बड़े साइज में पक्की बाइर्ंडिंग और आकर्षक कव्हर वाला ग्रंथ है। इसका मूल्यै450/- है, जो इन दिनों 20% छूट में उपलब्ध है।
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