लीमखेड़ा में 108 कुंडीय महायज्ञ का भव्य आयोजन, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या ने किया संबोधित
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लिमखेड़ा, दाहोद, गुजरात, 16 दिसंबर 2024
तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन आज भारत के गुजरात राज्य के दाहोद ज़िले में स्थित लीमखेड़ा नगर में 108 कुंडीय महायज्ञ का भव्य और दिव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत भक्तिमय वातावरण में कलश यात्रा के साथ हुई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने अपनी उपस्थिति से इस महायज्ञ को विशिष्ट गरिमा प्रदान की। मंच पर जाने से पूर्व उन्होंने माता भगवती हॉल का लोकार्पण किया और उसके पश्चात हास्तेश्वर महादेव के दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। इसके बाद ध्वजारोहण कर कार्यक्रम स्थल पर पधारे। मंच से अपने प्रेरणादायक संबोधन में आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने महायज्ञ के आध्यात्मिक, सामाजिक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताते हुए कहा कि यज्ञ केवल परंपरा नहीं, बल्कि यह समाज में ऊर्जा, शुद्धता और संतुलन का वाहक है। उन्होंने श्रद्धालुओं से इस महान कार्य में अपनी सक्रिय सहभागिता दर्ज कराने का आह्वान किया।
लिमखेड़ा में इस महायज्ञ के आयोजन की दिव्यता और श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बना दिया। तीन दिवसीय यह महायज्ञ न केवल अध्यात्म के प्रचार-प्रसार का माध्यम है, बल्कि संस्कार और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक सशक्त प्रयास भी है।
इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय संतों और महंत श्री 1008 सेवानंद जी (अनंत विभूषित) सेवानंद धाम कलचा जी, ब्रह्मकुमारी की बहिनों एवं गुजरात राज्य के माननीय शिक्षा मंत्री श्री डॉ कुबेर भाई डिंडोर जी, विधायक श्री शैलेश भाई भामोर जी जैसे आदि महानुभावों के आगमन पर आदरणीय डॉ साहब ने सभी को गुरुदेव का साहित्य प्रदान कर सम्मानित किया।
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