अपने तीन दिवसीय राजस्थान प्रवास के प्रथम चरण में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी जैसलमेर पहुंचें।
रेगिस्तान की स्वर्ण नगरी जैसलमेर, अपने ऐतिहासिक किलों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। ‘गोल्डन सिटी’ आज एक सुंदर ऐतिहासिक पल का साक्षी होने जा रही है। इससे पहले अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि और देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का जैसलमेर हवाईअड्डे पर हुआ और अब शहर में उनके तीन दिवसीय राजस्थान प्रवास के प्रथम चरण के दौरान, करणी बाल मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, इंदिरा कॉलोनी में अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ये कार्यक्रम श्रीराम शर्मा स्मृति उपवन के भूमि पूजन से जुड़ा हुआ है।
इस पावन स्थल पर, परम पूज्य गुरुदेव और परम वंदनीय माताजी के आशीर्वाद से श्रीराम शर्मा स्मृति उपवन का निर्माण किया जाएगा। यह उपवन गुरुदेव की स्मृतियों और प्रेरणाओं का प्रतीक होगा, जहां प्राकृतिक सौंदर्य और अध्यात्म का संगम दिखेगा, और यह स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था और साधना का केंद्र बनेगा।
करणी बाल मंदिर विद्यालय परिसर में प्रवेश करते ही डॉ. पंड्या जी का स्नेहपूर्ण स्वागत हुआ। इस अवसर पर अपने ओजस्वी और प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने शिक्षा के महत्व और वैदिक संस्कारों की आवश्यकता पर गहन विचार व्यक्त किये। उन्होंने श्रीराम शर्मा स्मृति उपवन के शिलान्यास को क्षेत्र के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि यह विद्यालय न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करेगा, बल्कि बालकों में नैतिकता, संस्कृति और संस्कारों का भी सृजन करेगा।
इस अवसर पर बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को डॉ. पंड्या जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा उन्होंने जनसम्पर्क कर स्थानीय लोगों से भी आत्मीय संवाद किया।
इसके साथ ही डॉ. चिन्मय पंड्या जी की जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक, श्री सुधीर चौधरी जी (2015 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी) से आत्मीय भेंट हुई। इस अवसर पर डॉ. पंड्या जी ने उन्हें गुरुदेव का साहित्य भेंट किया, जो आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत है और सदैव समाज के नैतिक उत्थान के लिए प्रेरणादायी रहेगा।
Recent Post
वीर बाल दिवस के अवसर पर साहिबजादे क्विज प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में भरवारी नगर पालिका के सिंधिया में गुरुवार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के अवसर पर बाल संस्कारशाला सिंघिया द्वारा सामूहिक प्रश्नोत्तरी (क्विज) प्रतियोगिता का ...
कौशाम्बी जनपद में 4 दिवसीय 24 कुण्डीय शक्तिसंवर्धन गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
● 28 नवंबर को सायंकालीन 2400 दीपों से दीपयज्ञ का हुआ आयोजन
● सैकड़ों परिजनों ने यज्ञ के साथ कराए विभिन्न संस्कार, महिलाओं ने धारण किया यज्ञोपवीत
● प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से प...
24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ को लेकर जोर शोर से चल रही हैं तैयारियां
कौशाम्बी जनपद के करारी नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम 26 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। कार्यक्रम की तैयारिया...
कौशाम्बी जनपद में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 26 नवंबर से 29 नवंबर तक
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में अखिल विश्व गायत्री परिवार की जनपद इकाई के द्वारा करारी नगर में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन 26 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह कार्यक्रम 26 से प्रारंभ होकर 29...
चिन्तन कम ही कीजिए।
*क्या आप अत्याधिक चिन्तनशील प्रकृति के हैं? सारे दिन अपनी बाबत कुछ न कुछ गंभीरता से सोचा ही करते हैं? कल हमारे व्यापार में हानि होगी या लाभ, बाजार के भाव ऊँचे जायेंगे, या नीचे गिरेंगे।* अमुक ...
भारत, भारतीयता और करवाचौथ पर्व
करवा चौथ भारतीय संस्कृति में एक विशेष और पवित्र पर्व है, जिसे विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए मनाती हैं। इस व्रत का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व अत्यधिक...
प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्नता का राजमार्ग (भाग 4)
बुराई की शक्ति अपनी सम्पूर्ण प्रबलता के साथ टक्कर लेती है। इसमें सन्देह नहीं है। ऐसे भी व्यक्ति संसार में हैं जिनसे ‘‘कुशल क्षेम तो है’’ पूछने पर ‘‘आपको क्...
घृणा का स्थान
निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकल दीजिए, तो संसार नरक हो जायेगा। यह निंदा का ही भय है, जो दुराचारियों पर अंकुश का काम करता है। यह क्रोध ही है,...
अनेकता में एकता-देव - संस्कृति की विशेषता
यहाँ एक बात याद रखनी चाहिए कि संस्कृति का माता की तरह अत्यंत विशाल हृदय है। धर्म सम्प्रदाय उसके छोटे-छोटे बाल-बच्चों की तरह हैं, जो आकृति-प्रकृति में एक-दूसरे से अनमेल होते हुए भी माता की गोद में स...
प्रगति के पाँच आधार
अरस्तू ने एक शिष्य द्वारा उन्नति का मार्ग पूछे जाने पर उसे पाँच बातें बताई।
(1) अपना दायरा बढ़ाओ, संकीर्ण स्वार्थ परता से आगे बढ़कर सामाजिक बनो।
(...