माँ सच्चियाय की पावन धरा ओसियां में 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव
दिनांक 25 से 28 दिसंबर 2024 तक सच्चियाय माता की दिव्य भूमि ओसियां में 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव का आयोजन अत्यंत भव्यता एवं श्रद्धा के साथ संपन्न किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी, प्रतिकुलपति, देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज ने देवपूजन में पधारकर परिजनों में दिव्य चेतना का संचार किया।
डॉ. पंड्या जी ने अपने उद्बोधन में गहन और प्रेरणादायी विचार व्यक्त करते हुए कहा, “मनुष्य का असली देवत्व तब प्रकट होता है जब वह दूसरों के साथ अपने सुख बाँटने और सकारात्मकता फैलाने के भाव को अपने अंदर हृदयंगम कर श्रेष्ठ जीवन जीता है। यदि हम संकल्प लें कि जहाँ हम रहते हैं, वहाँ स्वर्ग का निर्माण करें —चाहे वह हमारा घर हो, गली हो या मोहल्ला—तो हमें किसी बाहरी स्वर्ग की आवश्यकता नहीं होगी। हर स्थान, जहाँ हम अपने कर्म और विचारों से दिव्यता लाते हैं, स्वर्ग बन सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि “हमारे भीतर की मुख्य क्षमता वही है जो हमें कण-कण में छिपे भगवान को देखने का सामर्थ्य प्रदान करती है। “गुरुदेव ने कहा है कि जब मनुष्य में देवत्व का उदय होता है, तभी धरती पर स्वर्ग का अवतरण होता है। यही सतपथ है, यही सच्ची साधना है।”
महायज्ञ के इस पावन अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित साधकों और श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुति दी। साथ ही, संस्कार महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न संस्कारों के माध्यम से व्यक्तित्व में सद्गुणों का बीजारोपण किया गया। प्रस्तुत है झलकियां।
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