कुंभराज की धरा पर महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ युग निर्माण के लिए सभी ने लिया संकल्प
12 जनवरी 2025, कुंभराज, गुना (मध्य प्रदेश)
युग नायक स्वामी विवेकानंद जयंती पर हृदयपूरित भावांजलि।
मध्य प्रदेश के गुना जिले में स्थित कुंभराज का यह प्राचीन नगर, अपने नाम से ही “कुंभ” जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों व साधकों की तपोभूमि की महत्ता का प्रतीक है, जो सदियों से आध्यात्मिक साधना और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र रहा है, युग निर्माण के पथ पर वर्षों से गतिशील है।
अपने तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी का शुभ आगमन 108 कुंडीय विराट गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर कुंभराज में हुआ। अपने प्रभावशाली उद्बोधन में आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने कहा कि आज इस पुण्य स्थल पर आयोजित यह यज्ञ एक युग परिवर्तनकारी चेतना का प्रतीक है।
आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने पूर्णाहुति के महत्त्व को समझाते हुए कहा कि यह यज्ञ केवल आहुतियों का अंत नहीं, बल्कि नए संकल्पों और समाज सुधार के नए अध्याय की शुरुआत है। युग निर्माण योजना में ऐसे यज्ञों का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत शुद्धि नहीं, बल्कि सामाजिक उत्थान भी है। पूज्य गुरुदेव के सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए, जब हम इसयज्ञ में आहुति देते हैं, तो हम अपने भीतर की नकारात्मकताओं को समाप्त कर समाज में सद्गुणों का विस्तार करते हैं।
इससे पूर्व डॉ चिन्मय पंड्या जी गायत्री शक्तिपीठ कुंभराज पहुंचे और मां गायत्री का पूजन कर सर्वत्र मंगल की कामना की।
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