प्रयागराज महाकुंभ: कलशयात्रा के पश्चात NDRF के DIG मनोज शर्मा ने किया ध्वजवंदन और साहित्य केंद्र का शुभारंभ
प्रयागराज, महाकुंभ 2025 –
महाकुंभ के पावन अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित भव्य कलशयात्रा के पश्चात, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के DIG श्री मनोज शर्मा जी ने ध्वजवंदन कर श्रद्धालुओं को प्रेरित किया। इसके साथ ही, परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचारों और शिक्षाओं से प्रेरित साहित्य केंद्र का भी शुभारंभ किया गया।
ध्वजवंदन और राष्ट्रभक्ति का संदेश
ध्वजवंदन समारोह में श्रद्धालुओं और गायत्री परिवार के सदस्यों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। श्री मनोज शर्मा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में महाकुंभ जैसे आयोजनों को समाज में एकता, आध्यात्मिकता और सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा, “गायत्री परिवार का यह प्रयास न केवल आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, बल्कि देशभक्ति और समाजसेवा की भावना को भी सुदृढ़ करता है।”
साहित्य केंद्र का शुभारंभ
ध्वजवंदन के पश्चात श्री मनोज शर्मा ने साहित्य केंद्र का उद्घाटन किया, जो महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए एक अनमोल उपहार है। इस केंद्र पर परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा रचित हजारों पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें समाज सुधार, आत्म विकास, जीवन प्रबंधन, और आध्यात्मिक उत्थान से जुड़े विषयों पर आधारित साहित्य शामिल है।
श्रद्धालु इन पुस्तकों के माध्यम से न केवल अपने ज्ञान का विस्तार कर सकेंगे, बल्कि गुरुदेव के जीवन-दर्शन और युग निर्माण योजना के गहन विचारों को भी आत्मसात कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं में उत्साह
साहित्य केंद्र ने महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाया है। यहां पर गुरुदेव द्वारा रचित हिंदी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में उपलब्ध पुस्तकों को पढ़ने और खरीदने की सुविधा दी गई है। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस केंद्र ने उन्हें महाकुंभ में आध्यात्मिकता के साथ ज्ञान प्राप्ति का एक अनोखा अवसर प्रदान किया है।
समाज के लिए प्रेरणा
गायत्री परिवार के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि यह साहित्य केंद्र केवल पुस्तक वितरण का स्थल नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी है। गुरुदेव के विचारों के माध्यम से व्यक्तियों में नवनिर्माण की प्रेरणा जागृत की जा रही है।
महाकुंभ में इस आयोजन ने श्रद्धालुओं के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है। ध्वजवंदन और साहित्य केंद्र का शुभारंभ निस्संदेह इस महाकुंभ को और अधिक विशेष बना रहा है।
“ज्ञान का दीप जलाएं, समाज को नई राह दिखाएं।”
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