Magazine - Year 1943 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
ब्रह्मचर्य-पालन
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
(महात्मा गाँधी)
ब्रह्मचर्य पालन करने के सम्बन्ध में कुछ सीधे-साधे नियम बताता हूँ। यह मेरे तथा मेरे साथियों के अनुभव किये हुए हैं।
(1) लड़के-लड़कियों का पालन सीधे-साधे और प्राकृतिक रूप से यह पूरा विश्वास रखकर करना चाहिए कि वे पवित्र हैं और पवित्र रह सकते हैं।
(2) अचार चटनी या मिर्च मसाले जैसे गर्म और उत्तेजक आहारों तथा मिठाई और तले भुने हुए चिकने व भारी पदार्थों से सब किसी को परहेज करना चाहिए।
(3) पति-पत्नी को अलग-अलग कमरों में रहना चाहिए और एकान्त से बचना चाहिए।
(4) शरीर और मन दोनों को बराबर अच्छे कामों में लगाये रहना चाहिए।
(5) जल्दी सोने और जल्दी उठने के नियम की सख्त पाबन्दी होनी चाहिए।
(6) बुरे साहित्य से बचना चाहिए। बुरे विचारों की दवा भले विचार हैं।
(7) विकारों को उत्तेजना देने वाले थियेटर, सिनेमा, नाटक तमाशों से बचना चाहिए।
(8) स्वप्नदोष से घबराने की जरूरत नहीं है। साधारण बलवान आदमी के लिए हर बार ठंडे पानी से स्नान कर लेना ही इसका सबसे अच्छा इलाज है। यह कहना गलती है कि स्वप्न दोष से बचने के लिए कभी-कभी संभोग कर लेना चाहिए।
(9) सबसे बड़ी बात तो यह है कि पति-पत्नी तक के बीच में ब्रह्मचर्य को कोई असंभव या कठिन न मानलें। इसके विपरीत ब्रह्मचर्य को जीवन का स्वाभाविक और साधारण अभ्यास समझना होगा।
(10) प्रतिदिन सच्चे दिल से पवित्रता के लिए प्रार्थना करने से आदमी दिनों दिन पवित्र होता है।