Magazine - Year 1985 - Version 2
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Language: HINDI
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पशु पक्षियों में भी बुद्धि होती है।
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बुद्धिमत्ता मनुष्य ने प्रयत्नपूर्वक प्राप्त की है। यह उसी की बपौती नहीं है। जहाँ कहीं भी अन्य पशु-पक्षियों को सीखने सिखाने का अवसर मिला है वहाँ उनने अपनी बुद्धि को अपेक्षाकृत कहीं अधिक बढ़ा लिया है।
उत्तरी कोरिया में बन्दरों को इस प्रकार सिखाया गाया कि वे अपने लुहार मालिकों का पंखा घुमाते रहते हैं और एक मजदूर का परिपूर्ण काम कर देते हैं।
दक्षिण अफ्रीका में एक कुतिया इस प्रकार प्रशिक्षित की गई थी कि वह अपने मालिक गड़रिये की भेड़ें सबेरे निर्धारित घास फार्म में चराने ले जाती थी और शाम को उन सभी को वापस ले आती थी। कोई भेड़ बिछुड़ जाती तो दुबारा जाकर उसे ढूँढ़ लाती।
अमेरिका के एक कन्सास नगर की एक फिल्म कम्पनी ने एक चिंपेंजी इस प्रकार सधाया था कि वह कई फिल्मों में बताये हुए पार्ट बड़ी खूबसूरती से करता रहा।
सिडनी में एक कबूतर पालन केन्द्र बनाकर उन्हें ऐसा प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें सधाये हुए कबूतर नियत स्थान पर डाक पहुँचाते और जवाब लेकर भेजने वाले के पास वापस लौट आते हैं। जीव विज्ञान डेमण्ड मॉरिस ने बन्दरों को चित्र बनाने की कला में प्रशिक्षित किया था। एक बन्दर द्वारा बनाये 200 चित्र उसने प्रदर्शनी में रखे थे। जिन्हें सन्देह होता, उनके सामने बन्दर बताये हुए चित्र की दूसरी नकल हाथों-हाथ बनाकर तैयार कर देता था। डेमण्ड ने ‘अल्फा’ नामक चिंपेंजी तथा काँगो नामक शिबून बन्दर को घर में आने वाले अतिथियों का समुचित सत्कार करने के लिए भी प्रशिक्षित कर रखा था।
सिडनी में एक कुत्ता इस प्रकार प्रशिक्षित किया गया था कि अपने अन्धे मालिक की छड़ी पकड़कर वह उसे रोज दफ्तर ले जाता और लौटने का समय होने पर वह उसे उसी प्रकार वापस भी ले आता।
उज्जैन (भारत) में एक 19 वर्षीय युवक मुन्नालाल ने लगभग 100 साँप इस प्रकार सधाये थे जो उसकी आज्ञानुसार काम करते थे। इस प्रदर्शन को क्षीर सागर मैदान में हजारों व्यक्तियों ने देखा।
सरकस में हाथी, शेर, कुत्ते, घोड़े आदि को अद्भुत काम करते देखकर यह विश्वास कोई भी कर सकता है कि सिखाने वाले भयंकर पशुओं को भी सिखा लेते हैं। रीछ, बन्दरों को तो ग्रामीण मदारी भी इशारे पर काम करने के लिए प्रशिक्षित कर देते हैं।
मध्य युग की लड़ाईयों में घोड़े और हाथी इसी प्रकार युद्ध कौशल के लिए प्रशिक्षित किये जाते थे एवं वे शत्रु पक्ष को छकाने और हराने में अनोखी सूझ-बूझ का परिचय देते थे।
अतीन्द्रिय क्षमताओं की दृष्टि से कई प्राणियों की प्रतिभा असाधारण होती है वर्षा होने, भूकम्प आने, किसी मकान के गिरने आदि की सम्भावनाएं बिल्ली पहले ही जान जाती है। जब वह बच्चों समेत भागने लगे तो समझना चाहिए कोई विपत्ति आने वाली है।
चोरों और हत्यारों का पता लगाने में कुत्तों में अद्भुत क्षमता पाई गई है। वे पुलिस द्वारा अपराधियों को पकड़ने में सहायता करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किए जाते हैं।
यह माना जा सकता है कि मनुष्य की मस्तिष्कीय संरचना एवं लम्बे समय से चले आ रहे पारस्परिक सहकार ने मनुष्य को अधिक बुद्धिमान बना दिया है। पर ऐसा नहीं समझा जाना चाहिए कि अन्य प्राणी सर्वथा बुद्धिहीन हैं। उनके निमित्त यदि प्रशिक्षण की उपयुक्त व्यवस्था की जाय तो वे भी मनुष्य के अच्छे साथी सिद्ध हो सकते हैं।