Magazine - Year 1988 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
Quotation
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
जीवन का हर प्रभात एक सच्चे मित्र की तरह, नित्य अभिनव उपहार लेकर आता है। वह चाहता है कि आप वे उपहार ग्रहण कर और उनसे उस शुभ दिन का श्रृंगार करे। उसकी इच्छा रहती है कि जब दूसरे दिन वह आये तो आपका एक बढ़ा हुआ अदम देखे और उसके लिये उपहारों के ठीक उपयोग के साथ नये उपहार लेने के लिये प्रस्तुत पाये। किन्तु जब आदरपूर्वक उठकर उत्साह से उसका स्वागत नहीं किया जाता है तो वह निराश होकर द्वार से लौट जाता है और दूसरे दिन आने में न उसको वह उत्साह रहता है और न उसके उपहारों में वह सौंदर्य। बार बार निराश होने पर वह आता और अपरिचित राही की तरह द्वार के सामने से निकल जाता है।
ईश्वर मनुष्य को एक साथ इकट्ठा जीवन न देकर क्षणों के रूप में देता है। एक नया क्षण देने के पूर्व वह पुराना क्षण वापस ले लेता है। अतएव मिले हुए प्रत्येक क्षण का ठीक ठीक सदुपयोग करो जिससे तुम्हें नित्य नए क्षण मिलते रहे।
पास ही क्षितिज तट पर तुम्हारा लक्ष्य जगमगा रहा है। किन्तु उसको तुम स्पष्ट नहीं देख पतों, क्योंकि उस पर तुम्हारी कमजोरियों के बादल छाये हुए हैं।
-रविन्द्रनाथ टैगोर