Magazine - Year 2000 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
सभी नागरिक समान (kahani)
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
“उस समय संयुक्त प्राँत के राज्यपाल सर हारकोर्ट बटलर थे। जो आराम-पसंदगी के कारण नवाब साहब के नाम से जाने जाते थे। वह आवश्यकता पड़ने पर राजधानी लखनऊ से प्रयाग भी आते और राजभवन में ठहरते। उनके स्नान के लिए एक बड़े कुँड की व्यवस्था थी, जिसमें पानी भरा रहता था। उन दिनों प्रयाग में पानी की बहुत कमी थी। नलों में बहुत थोड़े समय के लिए पानी आता था। जब पीने के लिए पानी मिलना कठिन हो रहा था, उस समय राजभवन के कुँड के लिए पानी कहाँ से मिलता। राज्यपाल के अंगरक्षक दौड़े-दौड़े नगरपालिका अध्यक्ष के घर गए।
उस समय अध्यक्ष पद पर टंडन जी कार्यरत थे। वह जान्सटनगंज के एक छोटे-से मकान में रहते थे। अंगरक्षकों ने टंडन जी के घर जाकर देखा कि वे जमीन टाट बिछाए काम कर रहे है। चारों ओर कागज फैले हुए हैं। अस्त्र-शस्त्रों से सज्जित उन अंगरक्षकों को भी वही जमीन पर बैठकर अपनी बात कहनी पड़ी। फर्नीचर की व्यवस्था उनके उस छोटे मकान में थी नहीं। अध्यक्ष महोदय ने उनकी बात बड़ी गंभीरता से सुनी और यह जानते हुए भी कि जिस व्यक्ति के संबंध में निर्णय दिया जा रहा है, उसकी नाराजी कुछ-से-कुछ कर सकती है।, बिना डरे उन्होंने उत्तर दिया, जब मैं नगरवासियों के पीने के लिए पर्याप्त जल की व्यवस्था नहीं कर पा रहा हूँ, तब फिर नवाब साहब के नहाने के लिए व्यवस्था कहाँ से करूं ? व्यवस्था होगी तो सबके लिए समान रूप से होगी। मेरे लिए सभी नागरिक समान हैं।”