अश्वमेध महायज्ञ स्थल में उल्लासपूर्वक मना वसंतोत्सव
मायानगरी मुंबई को आध्यात्मिक नगरी में रूपांतरित कर रहा है गायत्री परिवारनवी मुंबई। महाराष्ट्र
अश्वमेध महायज्ञ स्थल खारघर में निर्माण कार्यों में जुटे शान्तिकुञ्ज के कार्यकर्त्ताओं और देशभर से आकर समयदान कर रहे लगभग 5000 कार्यकर्त्ताओं ने वसंत पर्व उल्लासपूर्वक मनाया। नौ कुण्डीय महायज्ञ के साथ मनाए गए वसंतोत्सव में भाग लेते हुए सभी ने महाराष्ट्र के नवोन्मेष के लिए, राष्ट्र को संगठित करने और सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रार्थना के साथ यज्ञ भगवान को आहुतियाँ समर्पित कीं।
यज्ञ स्थल पर वसंत पर्व के कार्यक्रमों का शुभारंभ अश्वमेध महायज्ञ समिति के प्रमुख श्री शरद पारधी द्वारा धर्म ध्वजारोहण के साथ हुआ। यज्ञ के आरंभ में ज्ञान और कला की देवी
माता सरस्वती, माता गायत्री के साथ करोड़ों हृदयों में वासंती प्रेरणाओं का संचार करने वाले परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी, परम वंदनीया माताजी का विशिष्ट पूजन किया गया। उल्लेखनीय है गायत्री परिवार द्वारा वसंत पर्व परम पूज्य गुरूदेव के बोध दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
पर्वपूजन एवं यज्ञ का संचालन करते हुए श्री परमानन्द द्विवेदी ने गायत्री परिवार के अश्वमेध यज्ञ अभियान को अयोध्या में राम
लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामराज्य की स्थापना हेतु किया जा रहा विराट आध्यात्मिक प्रयोग बताया। शान्तिकुञ्ज से श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैल जीजी द्वारा ऑनलाईन दिया गया संदेश यज्ञ स्थल पर प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने अश्वमेध महायज्ञ के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए माया नगरी मुंबई को अध्यात्म की नगरी बनाने की प्रेरणा देने वाला विराट अनुष्ठान बताया।
सायंकाल भव्य दीप महायज्ञ सम्पन्न हुआ। दिन-दिन बढ़ती स्वयंसेवकों की संख्या को देखते हुए वसंत पंचमी से कार्यक्रम स्थल पर एक और भोजनालय का शुभारंभ हुआ। जे.कुमार कंपनी के एजीएम श्री राजेन्द्र प्रभाकर पाटील ने नए भोजनालय का शुभारंभ किया।