मुम्बई अश्वमेध यज्ञ में नशामुक्त भारत अभियान की प्रासंगिकता
क्या आप जानते हैं -
दुनिया भर में हर साल लगभग 30 लाख से अधिक मौतें शराब के हानिकारक उपयोग से होती हैं। यह कुल मौतों का 5.3 प्रतिशत है। शराब, नशों की लंबी सूची का एक सूक्ष्म अंग है और यदि वह अकेला इतना घातक है तो इनका समग्र रूप कितना भयावह होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्तमान में तीन वयस्कों में से एक अर्थात् करीब 120 करोड़ लोग नशा का सेवन करते हैं। अकेले भारत में नशे के सेवन से सालाना 8,00,000 लोगों की मौत होने का अनुमान है। भारत में लगभग 10 लाख करोड़ रूपये का नशे का अवैध कारोबार होता है।
उपरोक्त आँकड़े निश्चित ही नशा को लेकर एक अति भयावह, चिंताजनक और विचारणीय चित्र प्रस्तुत करते हैं। समाज को नशामुक्त किये बिना स्वस्थ, सुखी, स्नेह-सहकारयुक्त और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अत: ‘आओ बनाएँ नशामुक्त भारत’ अभियान अश्वमेध जैसे प्राचीन धर्मानुष्ठान के अंतर्गत वर्तमान युग में किया गया एक अत्यंत आवश्यक प्रयोग है।