व्यसन मुक्त भारत के निर्माण के संकल्प जगाए
विचार मंच पर हुआ युवा सम्मेलन
मुंबई अश्वमेध महायज्ञ के तीसरे दिन 23 फरवरी को ‘व्यसन मुक्त भारत’ के उद्घोष के साथ युवा सम्मेलन ‘आरोहण’ का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति माननीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी थे। उनकी उपस्थिति में कार्यक्रम में भाग ले रहे हजारों युवाओं ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के ‘आओ बनाएँ व्यसन मुक्त भारत’ अभियान को सफल बनाने अपनी सक्रिय भागीदारी के दृढ़ संकल्प लिए।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से नवी मुंबई के अनेकों महाविद्यालय के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया था। अपने उद्बोधन में आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने नशे से होने वाले शारीरिक, सामाजिक और वैश्विक दुष्परिणामों की मार्मिक जानकारी देते हुए ‘व्यसन से बचाएँ, सृजन में लगाएँ’ का संदेश दिया। उन्हें नशे की प्रवृत्ति को वर्तमान समय का सबसे बड़ा संकट बताते हुए उससे होने वाले अपराध के विस्तृत आँकड़े प्रस्तुत किए। माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान ने न केवल स्वयं को नशे से दूर रहने के लिए, वरन अपने साथ कम से कम दस दूसरे युवाओं को भी नशे से दूर करने के प्रयासों का संकल्प दिलाया।
‘दिया’ से जुड़ रहे हैं युवा
कार्यक्रम में भागीदारी करने वाले विद्यार्थी साहित्य प्रदर्शनी और गायत्री परिवार के रचनात्मक आंदोलनों की प्रदर्शनी से भी बहुत प्रभावित हुए। अधिकांश ने इन गतिविधियों में सक्रिय योगदान का मन बनाया। ‘आरोहण’ मुंबई के युवाओं में गायत्री परिवार के युवा संगठन ‘दिया’ की गतिविधियों को विस्तार से जानने के लिए प्रेरित करने वाला था। कार्यक्रम का समापन मंचासीन वक्ताओं द्वारा सभी युवाओं को व्यसन मुक्त भारत की शपथ दिलाने के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रो. विवेक विजय व डॉ. गोपाल शर्मा ने किया।
जटिल समस्याओं के सरल समाधान
इस सम्मेलन में डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी के उद्बोधनों से संकलित विचारों की पुस्तक ‘जटिल समस्याओं के सरल समाधान’ पुस्तक का विमोचन किया गया। पूज्यवर के विचारों को दैनंदिन जीवन की समस्याओं के समाधान के रूप में इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है।