राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञों से जाग रही जनचेतना, मिल रही सफलताएँ
अनेक उपलब्धियाँ : 2000 लोगों ने नशा छोड़ने के संकल्प लिए
आसनसोल, पश्चिम बर्धमान। पश्चिम बंगाल
गायत्री सेवाश्रम आसनसोल की पावन धरती पर 10 से 13 मार्च 2024 की तिथियों में आयोजित 108 कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ बहुत सारी सफलताओं के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम संचालन के लिए शान्तिकुज से 8 सदस्यीय ब्रह्मवादिनी
बहिनों की टोली पहुँची थी। प्रथम दिन 1008 कलशों के साथ 6 किलोमीटर लंबी भव्य कलश यात्रा के साथ यज्ञ का शुभारंभ हुआ।
प्राण प्रतिष्ठा : तीसरे दिन गायत्री सेवाश्रम के नव निर्मित हॉल में प्रात: गायत्री माता, शिव परिवार तथा सप्तऋषियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। परम पूज्य गुरूदेव का विशेष संदेश देने वाली स्थापना ‘भटका हुआ देवता’ की स्थापना भी की गई।
वृक्षारोपण : इसी दिन कोलकाता गायत्री परिवार यूथ ग्रुप के द्वारा आश्रम में दो रूद्राक्ष के वृक्ष भी लगाये गये।
150 दीक्षा संस्कार : इस यज्ञ में 150 परिजनों ने गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली, सैंकड़ो अन्य संस्कार हुए।
नशामुक्ति : लगभग 2000 परिजनों ने नशा नहीं करने के संकल्प लिये। ब्रह्मभोज : कोलकाता शाखा ने बांग्ला साहित्य तथा रांची शाखा ने हिन्दी साहित्य बह्मभोज में उपलब्ध कराया।
यज्ञ के समापन की पूर्व संध्या पर अत्यंत मनमोहक 24000 दीप वेदियों का विराट दीप महायज्ञ सम्पन्न हुआ।
संगठन सशक्तिकरण : आसनसोल उपजोन समन्वयक श्री रामानुज तिवारी ने बताया कि इस यज्ञ के माध्यम से गायत्री सेवाश्रम आसनसोल के पास 250 सक्रिय भाई-बहिनों की एक अच्छी टीम बन गई है, जो इससे भी बड़े आयोजन की जिम्मेवारी उठाने में सक्षम और समर्थ हो गये हैं। इन सभी कार्यकर्त्ताओं को शान्तिकुञ्ज की टोली के माध्यम से सम्मानित किया गया।