लगातार 35 वर्षों से राष्ट्रीय पुस्तक मेले में भागीदारी
मेले की झलक और समापन सत्र में श्री उमानंद शर्मा का सम्मान्
लखनऊ। उत्तर प्रदेश
गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर, लखनऊ ने 27 सितम्बर से 06 अक्टूबर की तिथियों में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेले में भागीदारी करते हुए युगऋषि का सम्पूर्ण साहित्य प्रदर्शित किया। इस 10 दिवसीय पुस्तक मेले में मंत्री, विधायक, सांसद, लखनऊ के जिलाधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, समाचार पत्रों के सम्पादक, लेखक, कवि, छात्र-छात्रायें और लाखों पुस्तक प्रेमी नर-नारी आए। परम पूज्य गुरूदेव के अत्यंत जीवनोपयोगी और सस्ते साहित्य ने सभी को आकर्षित किया। अधिकांश लोग अपनी मनपसंद की पुस्तकें खरीद कर ले गए। सुधी पाठकों ने पूज्य गुरूदेव के विचारों को जीवन जीने की कला सिखाने वाला बताया। यह राष्ट्रीय पुस्तक मेला हर वर्ष आयोजित होता है। लगातार 35वें वर्ष में भी गायत्री परिवार की उत्कृष्ट भागीदारी रही। सर्वश्री विजय, सुशील, विनोद रतूडी, पंचम सिंह यादव, देवेन्द्र सिंह, श्रीमती सावित्री शर्मा एवं उमानंद शर्मा ने दस दिन का पूर्ण समयदान कर आने वाले साहित्य प्रेमियों को ऋषि साहित्य का परिचय कराया। मेले के समापन अवसर पर ज्ञानयज्ञ अभियान के संयोजक श्री उमानंद शर्मा को अतिथियों द्वारा मंच पर आमंत्रित कर प्रशस्त्रि-पत्र देकर सम्मानित किया गया।