प्रज्ञापीठ में नशा मुक्ति पर कार्यकर्ता प्रशिक्षण
प्रज्ञापीठ में नशा मुक्ति पर कार्यकर्ता प्रशिक्षण डॉ. सुरेश राठी जो कि गायत्री परिवार अकोला से हैं , द्वारा सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत गीतों से हुई।गीत प्रतीक्षा और साहिल ने गाए ।
डॉ. सुरेश राठी भाईसाहब ने बताया कोई भी घर बिना नशा के छूटा नही है। उन्होंने बताया बीड़ी, सिगरेट, दारू, गांजा, अफीम ये तो नशे की चीज है ही लेकिन चाय ,कॉफी , कोल्ड ड्रिंक, मांसाहार, ये भी नशा है।
आगे बताया घर में किसकी मौत हो जाए या किसीकी मैयत में जाए तो नहाते धोते है, लेकिन मांसाहार खाने वाले मारे हुए जानवर का मांस घर में लाकर , बड़े मजे से बनाकर खाते है। वैसे ही उनके संस्कार बनते हैं।
उन्होंने और आगे बताया कोलगेट में मरे हुए जानवर की हड्डी मिलाई जाती है। उपवास में इसी पेस्ट से दांत साफ करते है। तुम्हारा उपवास तो वही खत्म हो गया।कोलगेट विदेशी कंपनी है भारत का पैसा लूट कर ले जा रहे हैं।भारतीय पेस्ट इस्तेमाल करने को बोला जैसे की बाबुल, दंत कांति या भारतीय का कोई भी मंजन।
फेयर एंड लवली , और लिपस्टिक
में भी मारे हुए जानवर की चर्बी मिलाई जाती है। इसी लिए किसी को चमड़ी रोग या होठों के कैंसर हो रहे हैं।
यहां के युवाओं ने स्कूल कॉलेज में जाकर नशा मुक्ति पर काम करने का संकल्प लिया।
अंत में धन्यवाद प्रस्ताव संगीता दीदी ने दिया।