ऋषि संस्कृति के प्रति वनवासियों की आस्था
ऋषि पंचमी के दिन सालीटांडा में श्रावणी उपाकर्म सम्पन्न करते वनवासी भाई-बहिन
ऋषि पंचमी पर विराट संस्कार महोत्सव
हजारों वनवासियों ने यज्ञोपवीत बदले, गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली
सालीटांडा, बड़वानी। मध्य प्रदेश
बडवानी जिले की राजपुर तहसील के ग्राम सालीटांडा में स्थित गायत्री क्तिपीठ मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लाखों वनवासियों का पवित्र तीर्थ है। परम पूज्य गुरूदेव के निषादराज कहे जाने वाले स्व. डेमनिया बाबा ने वहाँ के वनवासियों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने वाला श्रद्धा और संस्कारों का जो बीज बोया था, वह आज वटवृक्ष बनता जा रहा है। वहाँ हर वर्ष ऋषि पंचमी के दिन पूज्य गुरूदेव के विचारों और संस्कारों के प्रति गहन आस्था रखने वाले वनवासी हजारों भाई-बहिन दूर-दूर से आते हैं और श्रावणी पर्व की भाँति पूरे विधि-विधान के साथ यज्ञोपवीत परिवर्तन या धारण करते हैं। इस वर्ष का ऋषि पंचमी महोत्सव शान्तिकुञ्ज से गई डॉ. अशोक ढोके और स्थानीय शक्तिपीठ की टोली की उपस्थिति में मनाया गया। इसमें खरगोन, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी जिलों के हजारों आदिवासी भाई-बहिनों ने गायत्री मंत्र की दीक्षा लेकर नशा, मांसाहार और कुरीतियाँ त्यागने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में उपस्थित गायत्री परिवार के मध्य प्रदेश जोन समन्वयक श्री राजेश पटेल ने जन्मशताब्दी वर्ष की योजनाओं की जानकारी दी। जिला समन्वयक श्री महेंद्र भावसार ने जिले में चल रही गतिविधियों से जुड़ने का आह्वान किया। राजपुर के विधायक श्री बाला बच्चन ने डेमनिया बाबा से जुड़े अपने संस्मरणों को याद करते हुए उन्हें भावांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मंच पर ओंकारेश्वर उपजोन समन्वयक पन्नालाल बिरला, डॉ. सोहन लाल गुर्जर, रूपसिंग, महेंद्र भट्ट उपस्थित थे।