व्यक्ति के पास उद्देश्य हो तो जीवन उत्सव में बदल जाता है : डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी
रूद्रपुर। उत्तराखण्ड
‘‘व्यक्ति के पास उद्देश्य हो तो जीवन उत्सव में बदल जाता है।’’ गायत्री परिवार के यूथ आइकॉन एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रति कुलपति आद. डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने रूद्रपुर के जेसीएस पब्लिक स्कूल, गंगापुर के प्रेक्षागृह में आयोजित कुमाऊँ मण्डल की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किये। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने ‘जिंदगी आशीर्वाद या अभिशाप’ विषय पर बोलते हुए कहा कि जीवन विविध संभावनाओं से युक्त है। कंस बनने की संभावना है, तो कृष्ण बनने की भी संभावना है। रावण बनने की संभावना है, तो राम बनने की भी संभावना है। संभावनाओं का लाभ कौन और कैसे उठाता है, यह अहम है। 31 अगस्त को आयोजित इस गोष्ठी में अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, रायपुर, उधमसिंह नगर की सभी तहसील काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, पंतनगर, हल्द्वानी, बनबासा, सितारगंज, खटीमा आदि के हजारों युवा उपस्थित थे। उत्तराखण्ड की गरिमा के अनुरूप जीवन जियें शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है और हमें इस भूमि की गरिमा के अनुरूप अपना जीवन विकसित करना चाहिए। हमें ऐसे प्रयास करने होंगे, जिससे समस्त समाज मिलकर रहे, सभी एक दूसरे के सृजनात्मक कार्यों में सहयोग करें। उन्होंने सभी को नशामुक्ति, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, वृक्षारोपण, जलसंरक्षण, बाल संस्कार शाला जैसे रचनात्मक कार्यों में सक्रिय भागीदारी की प्रेरणाएँ दीं।
विशिष्ट ज्ञातव्य
# युवाशक्ति को जन्मशताब्दी 2026 के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने का संकल्प दिलाया।
# रूद्रपुर के कार्यकर्त्ताओं की बड़ी उपलब्धि यह रही कि उनके प्रयासों से जिले के सभी सरकारी स्कूलों की प्रार्थना सभा में गायत्री परिवार द्वारा तैयार बुकलेट के आधार पर बच्चों को नैतिक शिक्षाएँ दी जाती हैं।
# संगोष्ठी के समापन अवसर पर शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि ने समाजसेवा में लगे सक्रिय कार्यकर्त्ताओं का सम्मान किया।