‘आठवाँ भारत जल सप्ताह 2024’ समारोह में शान्तिकुञ्ज का संदेश
आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी भारत मंडपम में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए
पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले कार्य ईश्वर की सच्ची पूजा और मानवता की सच्ची सेवा हैं।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी
प्रगति मैदान, नई दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में 17 से 20 सितम्बर 2024 की तिथियों में एक विशिष्ट कार्यक्रम ‘आठवाँ भारत जल सप्ताह 2024’ आयोजित हुआ। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति माननीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी 19 सितम्बर को इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने ‘जल है तो कल है।’ की सोच पर आधारित इस सम्मेलन में जल संरक्षण और जल प्रबंधन विषय पर बोलते हुए भारतीय दर्शन परक अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार ‘निर्मल गंगा जन अभियान’ और ‘वृक्षगंगा अभियान’ के अंतर्गत बहुत बड़े स्तर पर कार्य कर रहा है। उन्होंने गायत्री परिवार द्वारा अब तक इस दिशा में किए गए कार्यों की भी जानकारी दी। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने जल और जंगल को मानवीय अस्तित्व से जुड़े विषय बताते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले कार्यों को ईश्वर की सच्ची पूजा और मानवता की सच्ची सेवा बताया। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी, स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े पंजाब से आए संत श्री बलबीर सिंह सीचेवाल एवं अन्य कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।