- शान्तिकुञ्ज में आवास व्यवस्था केवल उन्हीं लोगों के लिए उपलब्ध है, जो यहाँ के मुख्य उद्देश्य- साधना एवं प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने, कोई संस्कार कराने या पूर्व अनुमति लेकर तीर्थ सेवन के लिए आते हैं। शान्तिकुञ्ज में रहकर यहाँ की सभी गतिविधियों में भाग लेते हुए तीर्थ सेवन के लिए अधिकतम दो दिन की अनुमति दी जाती है।
- आवास व्यवस्था निःशुल्क है। पूर्व में आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थान उपलब्ध होने पर ही दिया जा सकता है। साधकों को समूह में ही आवास व्यवस्था उपलब्ध होती है, अलग कमरे नहीं। शान्तिकुञ्ज के बाहर रहकर भी परिजन यहाँ की गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।
आम तौर पर गरमी के महीनों में आगन्तुकों की संख्या अधिक रहती हैं। नवरात्रि, वसंत पंचमी, गायत्री जयंती और रक्षा बंधन जैसे आध्यात्मिक त्योहारों के दौरान भी भारी भीड़ होने के कारण आवास या अन्य प्रकार की असुविधाएँ हो सकती हैं।
शिविर / शिविरों के लिए - शिविर की अवधि के आधार पर साझा आवास प्रदान किया जाता है।