शांतिकुंज युग ऋषि तपोनिष्ठ वेदमूर्ति पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं शक्ति स्वरूपा माता भगवती देवी के तप से अनुप्राणित, आध्यात्मिक चेतना का उद्गम केन्द्र है, मानव के नव निर्माण की एक प्रयोगशाला है तथा एक ऐसा स्थान है. जहां राष्ट्र के अभिनव निर्माण के प्रयोग निरन्तर चलते रहते हैं । इस प्रगतिशील आश्रम में प्राचीन काल के ऋषियों के गुरुकुलों, आरण्यको जैसे अनुशासन पाले जाते हैं । यहा नियमित रूप से चलने वाले संजीवनी साधना सत्रों, 5 दिवसीय परामर्श सत्रों, विशेष परामर्श हेतु पूर्व सूचना देकर या स्वीकृति लेकर आये स्वस्थ .व्यक्तियों को ही ठहराया जाता है । इस तीर्थस्थली में ठहरने वालों के लिए निर्धारित नियमों का पालन अनिवार्य है । इन उद्देश्यों की प्राप्ति मे यहाँ जाति, वश, लिंग, धर्म, सम्प्रदाय का किसी तरह कोई भेदभाव नहीं है । यहीं के वातावरण को इस तरह विनिर्मित किया गया है, जिससे कण-कण में प्राण ऊर्जा, साधना की प्रचंड ऊष्मा विद्यमान है । यहाँ का प्रशिक्षण, यहाँ की परम्पराये इतनी प्रखर हैं कि उनमें भाग लेने वाला कोई भी व्यक्ति कोरा नहीं जा सकता है । सामान्य व्यक्ति भी यहा के असामान्य आत्मिक शक्ति और मनोबल लेकर लौटते हैं ।
तीर्थ निवास को तीर्थ सेवन कहा गया है । अर्थात यहां की प्रवृत्तियो को आत्मसात करने से ही वह लाभ मिलते हैं । उसके लिए यहाँ के दैनिक कार्यक्रम और विशिष्ट क्रिया-कलापों की पूरी जानकारी आवश्यक है ।तीर्थ निवास को तीर्थ सेवन कहा गया है । अर्थात यहां की प्रवृत्तियो को आत्मसात करने से ही वह लाभ मिलते हैं । उसके लिए यहाँ के दैनिक कार्यक्रम और विशिष्ट क्रिया-कलापों की पूरी जानकारी आवश्यक हैतीर्थ निवास को तीर्थ सेवन कहा गया है । अर्थात यहां की प्रवृत्तियो को आत्मसात करने से ही वह लाभ मिलते हैं । उसके लिए यहाँ के दैनिक कार्यक्रम और विशिष्ट क्रिया-कलापों की पूरी जानकारी आवश्यक है
समय विमाजन चक्र
क्र. | दैनिक कार्यक्रम | अप्रैल से सित. | अक्टूबर से मार्च |
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1. | जागरण, प्रार्थना, दैनिक कार्य, उपासना आदि प्रातः जागरण। | 3:30 am | 04:00 am |
2. | प्रातः आरती | 04:00 am | 04:30 am |
3. | प्रातः ध्यान, सामूहिक जप | 04:30 am | 05:00 am |
4. | अखंड दीप दर्शन, ऋषि युग्म चरण पादुकाओं को प्रणाम | 05:00 am | 05:30 am |
5. | सामूहिक यज्ञ एवं समस्त संस्कार | 05:45 am | |
6. | प्रातः सत्संग प्रवचन | 07:45 am | 08:00 am |
7. | भोजन प्रसाद | 09:30 am | 09:30 am |
8. | मध्यान्ह कक्षा, गोष्ठी | 12:00 pm | 12:00 pm |
9. | अखंड दीपक एवं गुरुसत्ता की चरण पादुकाओं को नमन, भेंट परामर्श | 12:30 - 03:30 pm | 12:30 - 03:30 pm |
10. | ज्योति अवतरण साधना | 01:30 pm | 01:30 pm |
11. | सामूहिक श्रमदान | 03:30 pm | 03:00 pm |
12. | सांयकालीन भोजन | 04:30 pm | 04:00 pm |
13. | सांय आरती | 05:00 pm | 05:00 pm |
14. | सांयकालीन नादयोग ध्यान साधना | 06:00 pm | 06:00 pm |
15. | संकीर्तन एवं कथा अथवा वीडियो | 06:15 pm | 06:15 pm |
16. | रात्रि विश्राम | 09:00 pm | 08:00 pm |
कोई भी संस्कार, दीक्षा, देवस्थापना एवं तीर्थ श्राद्ध करना हो, तो एक दिन पूर्व संस्कार प्रकोष्ठ में नाम लिखवाया जाता है और जो समय व स्थान बताया जाये, वहा समय पर उपस्थित रहा जाना अनिवार्य है । दीक्षा. विवाह सस्कार के लिए आवश्यक परामर्श संस्कार प्रकोष्ठ में तथा पूर्णाहुति के लिए सुपाड़ी, गोले जनरल स्टोर से प्राप्त किया जाता है । ओढ़ने बिछाने के बिस्तर. झाड़ बल्व, वाला, बाल्टी आदि दैनिक उपयोग की वस्तुएँ गद्दा स्टोर से मिलती हैं ।