यहाँ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा सन १९२६ की बसंत पंचमी के दिन प्रज्वलित ज्योति के दर्शन होते हैं।
यह दीप आचार्य जी ने अपनी जन्मभूमि गाँव- आँवलखेड़ा, जिला- आगरा (उ. प्र.) में १५ वर्ष की आयु में प्रज्वलित किया था, जो आज तक अखण्ड है।
आचार्य जी ने इसके सान्निध्य में कठोर तपश्चर्या करके इसे विशाल गायत्री परिवार की सारी उपलब्धियों मूल स्त्रोत बनाया है।
इसके सान्निध्य में २४०० करोड़ से अधिक गायत्री जप सम्पन्न हो चुके हैं। इसके दर्शन मात्र से दिव्य प्रेरणा एवं शक्ति संचार का लाभ सभी को मिलता है।