पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी की हिमालय यात्रा के समय उनका वहाँ हजारों वर्षों से तप कर रहे सूक्ष्म शरीर धारी ऋषियों से वार्तालाप हुआ था। ऋषियों ने अपने अधूरे पडे़ कार्यों को आगे बढ़ाने का अनुरोध पूज्य गुरुदेव से किया था। गुरुदेव ने इसे आज्ञा मानते हुए सहर्ष स्वीकृति दी और शान्तिकुञ्ज आकर २१ ऋषियों के आन्दोलनों को गति दी। ऋषिक्षेत्र में उनमें से सात ऋषियों की प्रतिमाएँ स्थापित की गयी हैं, जिनमें वे ऋषि सूक्ष्म रूप में एक अंश से निवास कर शक्ति और संरक्षण दे रहे हैं।