मातृशक्ति एवं अखण्ड दीप जन्मशताब्दी श्रद्धा संवर्धन यात्रा
हर गली, मुहल्ले में भव्य स्वागत समारोह आयोजित हुए
रीवा। मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के हर ग्राम पंचायत स्तर तक पहुँच रहीं मातृशक्ति एवं अखण्ड दीप जन्मशताब्दी श्रद्धा संवर्धन के क्रम में रीवा संभाग में शानदार उपलब्धियाँ रहीं। प्राप्त समाचार के अनुसार प्रथम 61 दिनों में संभाग की 10,000 से अधिक गाँवों में 5 लाख 2 हजार लोगों तक युग निर्माणी संदेश पहुँचाया गया।
उपरोक्त उद् देश्यों की पूर्ति में केन्द्रीय एवं जोनल, उपजोन, जिला, तहसील संगठन के समर्पित प्रयासों के अलावा रथयात्रा के टोलीनायकों का सर्वोपरि प्रयास-पुरूषार्थ रहा। प्रथम 61 दिनों में रीवा जिले के 4 रथों से 155 ग्राम पंचायत तक, सतना जिले के 4 रथों से 137 ग्राम पंचायत तक, सीधी जिले के 3 रथों से 166 ग्राम पंचायतों तक, मऊगंज जिले के 3 रथों से 95 ग्राम पंचायतों तक, सिंगरोली जिले के 4 रथों से145 ग्राम पंचायतों तक तथा मैहर जिले के एक रथ से 13 ग्राम पंचायतों तक युग संदेश पहुँचाया गया। आयोजकों ने हर व्यक्ति को पूजा-प्रार्थना, जप-तप के साथ व्यक्तित्व को निखारने का संदेश दिया।
78 पंचायतो में हुआ भ्रमण अलीराजपुर। मध्य प्रदेश
मातृशक्ति जन्म शताब्दी श्रद्धा संवर्धन शक्ति कलश यात्राओं ने अलीराजपुर जिले की जोबट और उदयगढ़ तहसीलों में 78 पंचायतों तक युग संदेश पहुँचाया। 25 दिनों तक गाँव-गाँव का भ्रमण करने के बाद 9 अप्रैल 2024 को नगर भ्रमण के साथ यात्रा का समापन हुआ। चिलचिलाती धूप एवं गर्मी में भी लगभग 250 भाई-बहिन इस यात्रा में शामिल थे।
सिद्धि नहीं, शुद्धि
यात्राओं में टोली नायकोें ने रावण, हिरण्यकश्यप जैसे अनेक उदाहरण देते हुए कहा कि व्यक्तित्व और विचारों में शुद्धि न हो तो कठोर तप और सिद्धियों-वरदानों के बावजूद व्यक्ति असुरता की ओर अग्रसर होता देखा जाता है।
इन यात्राओं के माध्यम से सभी गाँवों में परम पूज्य गुरूदेव एवं परम वंदनीया माताजी के परिचय के साथ उनके मिशन और लक्ष्य से जन-जन को अवगत कराया गया। व्यसनमुक्ति प्रदर्शनी लगाई एवं दीपयज्ञ हुए। लोगों को गायत्री उपासना से आत्मबल संवर्धन तथा व्यसन, फैशन, तमाम कुरीति एवं अंधविश्वासों से बचते हुए रचनात्मक कार्यों में अपनी शक्ति-सामर्थ्य का सदुपयोग करने का संदेश दिया गया।सिद्धि नहीं, शुद्धि
यात्राओं में टोली नायकोें ने रावण, हिरण्यकश्यप जैसे अनेक उदाहरण देते हुए कहा कि व्यक्तित्व और विचारों में शुद्धि न हो तो कठोर तप और सिद्धियों-वरदानों के बावजूद व्यक्ति असुरता की ओर अग्रसर होता देखा जाता है।
इन यात्राओं के माध्यम से सभी गाँवों में परम पूज्य गुरूदेव एवं परम वंदनीया माताजी के परिचय के साथ उनके मिशन और लक्ष्य से जन-जन को अवगत कराया गया। व्यसनमुक्ति प्रदर्शनी लगाई एवं दीपयज्ञ हुए। लोगों को गायत्री उपासना से आत्मबल संवर्धन तथा व्यसन, फैशन, तमाम कुरीति एवं अंधविश्वासों से बचते हुए रचनात्मक कार्यों में अपनी शक्ति-सामर्थ्य का सदुपयोग करने का संदेश दिया गया।
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