भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का मेधावी छात्र अलंकरण समारोह
बलरामपुर। उत्तर प्रदेश
गायत्री शक्तिपीठ बलरामपुर में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा वर्ष 2023 का जनपद व तहसील स्तरीय मेधावी छात्र अलंकरण समारोह सम्पन्न हुआ। इसमें भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला संयोजक श्री गुलाबचंद भारती जी ने जिले की आख्या प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिले में कक्षा 5 से लेकर डिग्री स्तर तक जनपद से 86 विद्यालय एवं महाविद्यालयों से 6800 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था।
इस अलंकरण समारोह में जनपद व तहसील स्तर के प्रवीणता क्रम में 49 विद्यालयों के 100 विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया किया जायेगा। पूरे जनपद में गत वर्ष की परीक्षा में सबसे अधिक विद्यार्थियों को शामिल कराने वाले स्कालर्स एकेडमी इण्टर कालेज उतरौला, सुन्दर दास राम लाल इण्टर कालेज, बलरामपुर तथा सेंट जेवियर्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बलरामपुर के प्रबन्धक व प्रधानाचार्य को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम.एल.के. पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जे.पी. पांडे थे। उन्होंने कहा कि तेजी से विकास करते समाज ने अपनी संस्कृति को भूलना शुरू कर दिया है। ऐसे में नई पीढ़ी को अपने
सनातन सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़े रखने के लिए इस प्रकार की परीक्षाओं की महती आवश्यकता है।
"अपने सनातन सांस्कृतिक मूल्यों से नई पीढ़ी को जोड़े रखने के लिए
इस प्रकार की परीक्षाओं की महती आवश्यकता है।"
- प्रोफेसर जे.पी. पांडे
प्राचार्य, एम.एल.के. पी.जी. कॉलेज
Recent Post
रचनात्मक एवं संघर्षात्मक कदम उठाने होंगे
नया युग लाने के लिए धरती पर स्वर्ग का अवतरण करने के लिए-सतयुग की पुनरावृत्ति आँखों के सामने देखने के लिए-हमें कुछ अधिक महत्त्वपूर्ण, दुस्साहस भरे रचनात्मक एवं संघर्षात्मक कदम उठाने होंगे। शत-सूत्री...
हम बदलेंगे युग बदलेगा
बड़े आदमी बनने की हविस और ललक स्वभावतः हर मनुष्य में भरी पड़ी है। उसके लिये किसी को सिखाना ही पड़ता। धन, पद, इन्द्रिय सुख, प्रशंसा, स्वास्थ्य आदि कौन नहीं चाहता? वासना और तृष्णा की पूर्ति में कौन व...
परिजनों को परामर्श
अपना विशाल परिवार हमने एक ही प्रयोजन के लिये बनाया और सींचा है कि विश्व-मानव की अन्तर्वेदना हलकी करने में और रुदन, दरिद्र, जलन से बचाने के लिये कुछ योगदान सम्भव हो सके, पेट और प्रजनन की कृमि कीटकों...
जमाना तेजी से बदलेगा
हमारा पहला परामर्श यह है कि अब किसी को भी धन का लालच नहीं करना चाहिए और बेटे-पोतों को दौलत छोड़ मरने की विडम्बना में नहीं उलझना चाहिये। यह दोनों ही प्रयत्न सिद्ध होंगे। अगला जमाना जिस तेजी से बदल र...
ईश्वरीय अनुग्रह के अधिकारी
परमार्थ प्रवृत्तियों का शोषण करने वाली इस विडम्बना से हम में से हर एक को बाहर निकल आना चाहिए कि “ईश्वर एक व्यक्ति है और वह कुछ पदार्थ अथवा प्रशंसा का भूखा है, उसे रिश्वत या खुशामद का प्रलोभन ...
मोहग्रस्त नहीं विवेकवान
पहले ही कहा जा चुका है कि परिवार के प्रति हमें सच्चे अर्थों में कर्तव्यपरायण और उत्तरदायित्व निर्वाह करने वाला होना चाहिये आज मोह के तमसाच्छन्न वातावरण में जहां बड़े लोग छोटों के लिये दौलत छोड़ने क...
परिजनों को परामर्श
हमारा चौथा परामर्श यह है कि पुण्य परमार्थ की अन्तः चेतना यदि मन में जागे तो उसे सस्ती वाहवाही लूटने की मानसिक दुर्बलता से टकरा कर चूर-चूर न हो जाने दिया जाय। आमतौर से लोगों की ओछी प्रवृत्ति नामवरी ...
युग-परिवर्तन के लिए चतुर्मुखी योजना
लोभ और मोह के बंधन काटने और अज्ञान प्रलोभन से ऊंचा उठाने पर ही जीवनोद्देश्य पूरा कर सकने वाले-ईश्वरीय प्रयोजन एवं युग पुकार के पूरा कर सकने वाले मार्ग पर चल सकते हैं सो इसके लिये हमें आवश्यक साहस ज...
योजना का दूसरा चरण संगठनात्मक
योजना का दूसरा चरण संगठनात्मक है। भीड़ का संगठन बेकार है। मुर्दों का पहाड़ इकट्ठा करने से तो बदबू ही फैलेगी। जिनके मन में कसक है जो वस्तुस्थिति को समझ चुके है उन्हीं का एक महान् प्रयोजन के लिए एकत्...
‘युगसेना’ का गठन
दुष्टता की दुष्प्रवृत्तियाँ कई बार इतनी भयावह होती है कि उनका उन्मूलन करने के लिये संघर्ष के बिना काम ही नहीं चल सकता। रूढ़िवादी, प्रतिक्रिया वादी, दुराग्रही मूढ़मति अहंकारी, उद्दण्ड निहित स्वार्थ ...