सवा लाख कन्याओं को गढ़ने का विराट अभियान
खण्डवा। मध्य प्रदेश
‘‘इक्कसवीं सदी नारी सदी होगी।’’ परम पूज्य गुरूदेव के इसी वाक्य को केन्द्र में रखकर खण्डवा शाखा पिछले लगभग 14 वर्षों से नारी उत्कर्ष के विराट अभियान पर उल्लेखनीय कार्य कर रही है। शाखा ने अपने क्षेत्र में युग निर्माण आन्दोलन के आदर्श तथा कौशल में रची कन्याओं/युवतियों की ऐसी वाहिनी तैयार कर ली है, जो अपने जिले ही नहीं, कई प्रान्तों तक पहुँचकर कन्याओं को प्रेरित और प्रशिक्षित कर रही हैं। हर घर की बेटी दुर्गा है, लक्ष्मी है, सरस्वती है, यह भाव जगा रही हैं। इस अभियान के सूत्रधार श्री बृजेश पटेल के अनुसार परम वंदनीया माताजी की जन्म शताब्दी सन् 2026 तक सवा लाख आदर्श कन्याओं को गुरूसत्ता के श्रीचरणों में समर्पित करने की योजना पर वे काम कर रहे हैं। इस क्रम में 28 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक गायत्री धाम सिरसौद में विराट कन्या कौशल शिविर का आयोजन हो रहा है। यह मात्र पाँच दिवसीय आयोजन नहीं, अपितु चैत्र नवरात्र (17 अप्रैल 2024) से आरंभ हो चुका एक विराट अनुष्ठान है, जिसके माध्यम से 24,000 कन्याओं को मिशन के आदर्शों के अनुरूप गढ़ा जा रहा है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत अगले वर्ष तक 51,000
युगतीर्थ-शान्तिकुञ्ज के दर्शन
करेंगे कन्याओं के समूह नवम्बर-दिसम्बर 2024 के बाद विराट कन्या कौशल शिविर के उपरांत कन्याओं को समूहों में शान्तिकुञ्ज, मथुरा, आँवलखेड़ा दर्शन के लिए लाने की योजना बनाई गई है।
गाँव-गाँव बाँटी जा रही हैं मंत्रलेखन पुस्तिकाएँ
और जन्मशताब्दी वर्ष तक देश की 1,25,000 शिक्षित, स्वावलम्बी, राष्ट्र के नवोन्मेष के लिए समर्पित कन्याओं को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। श्री बृजेश पटेल ने बताया कि यह मात्र मंचीय कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सघन जनसंपर्क के आधार पर कन्याओं को प्रेरित, प्रशिक्षित एवं सक्रिय करके आदर्शोन्मुख करने की जमीन से जुड़ी योजना है। गत वर्ष भी खण्डवा में 11000 कन्याओं का कन्या कौशल शिविर हो चुका है। उसके बाद सतत जनसंपर्क कर लाखों की संख्या में देव स्थापनाएँ व साहित्य स्थापनाएँ की गइर्ं, शालाओं में व्यक्तित्व निर्माण के सूत्र दिए गए, जन्मदिन पर वृक्ष लगाए गए, झोपड़ियों में पहुँचकर कन्याओं को पीले वस्त्र देकर उन्हें मंच पर बिठाया गया, उनके मन की बातों को बाहर लाने का प्रयास किया गया।
10 चरणों वाली योजना
1. सवा लाख मंत्र लेखन : चैत्र नवरात्र से आश्विन नवरात्र तक सवा लाख कन्याओं से गायत्री महामंत्र लेखन कराना। गाँव-गाँव कन्याओं से संपर्क कर मंत्र
लेखन पुस्तिकाएँ वितरित की जा रही हैं।
2. मंत्रलेखन करने वाली सभी कन्याओं का पूजन।
3. जन्म शताब्दी की स्मृति में प्रत्येक ग्राम में त्रिवेणी रोपण।
4. कन्याओं को कर्मकाण्ड एवं स्वावलम्बन प्रशिक्षण।
5. नवम्बर में कन्या कौशल शिविर में भाग लेने वाली
24,000 कन्याओं का चयन और पीत वस्त्र वितरण।
6. कन्याओं द्वारा दीपयज्ञ के आयोजन।
7. प्रशिक्षित कन्याओं द्वारा गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ, परिवारों
को नशामुक्ति का संकल्प कराना।
8. स्थानीय शक्तिपीठों में सामूहिक प्रार्थना के कार्यक्रम।
9. कन्याओं द्वारा विराट संस्कार यात्राओं के आयोजन।
10. विराट कन्या कौशल शिविर के उपरांत कन्याओं
को समूहों में शान्तिकुञ्ज, मथुरा, आँवलखेड़ा दर्शन के
लिए लाना।
सिरसौद कन्या गुरूकुल की स्थापना बनेगा कन्याओं के प्रशिक्षण की छावनी सिरसौद की जिस संस्कारित भूमि पर कन्या कौशल शिविर आयोजित हो रहा है, वहाँ कन्या गुरूकुल की स्थापना होगी। सन् 2010 में वहाँ श्रीराम स्मृति उपवन की स्थापना कर 2400 पौधे लगाए गए थे, जो आज वृक्ष बन चुके हैं। वहाँ की 9 एकड़ भूमि में124 गौ माता की गौशाला स्थापित है। अब इसी पवित्र संस्कारित भूमि को कन्याओं को प्रशिक्षण देने की छावनी बनाया जा रहा है
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