हिरोशिमा, जापान में हुआ विश्व सम्मेलन एआई एथिक्स फॉर पीस वर्ल्ड रिलीजियस कमिट टु द रोम कॉल
विश्व के प्रमुख 11 धर्म, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, सिस्को जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के अग्रणी प्रतिनिधियों ने मानवीय हितों की रक्षा के लिए, विश्व में शान्ति और सद्भाव बनाये रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नैतिकता बरतने की प्रतिबद्धता के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए
कॉलशान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि ने किया भारत और हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व
हिरोशिमा। जापान
सन् 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए गए। इस अमानवीय कृत्य ने 1,20,000 लोगों की जान ले ली। इस क्रूरता को इतिहास कभी भूलेगा नहीं। प्रसन्नता की बात है कि इसी हिरोशिमा शहर में 9 और 10 जुलाई 2024 की तिथियों में मानवता के हितों की रक्षा करने के लिए एक विश्व सम्मेलन हुआ ‘वर्ल्ड रिलीजियस कमिट टु द रोम कॉल’। यह सम्मेलन जापान के प्रधानमंत्री महामहिम फुमिओ किशिदा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इसमें मानवीय हितों की रक्षा के लिए, विश्व में शान्ति और सद्भाव बनाये रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (अव) के
क्षेत्र में नैतिकता का पूरा-पूरा ध्यान रखने का आह्वान किया गया। बौद्ध, हिन्दू, पारसी, बहाई, ईसाई, यहूदी, मुस्लिम आदि विश्व के 11 प्रमुख धर्मो और विश्व में आईटी क्षेत्र की अग्रणी कम्पनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों सहित सभी महानुभावों ने ‘कमिट टु द रोम कॉल फॉर एआई एथिक्स’ पर हस्ताक्षर किए। अखिल विश्व गायत्री परिवार के लिए गौरव की बात है कि भारत और सनातन हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करने का अवसर शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि माननीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी को मिला। उन्होंने अपने संदेश में विश्व मानवता के कल्याण और विश्व शान्ति-सद्भाव के संदर्भ में परम पूज्य गुरूदेव के विचारों से पूरे विश्व से उपस्थित लगभग 150 प्रतिष्ठित गणमान्यों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचार भटकी मानवता को दिशा देने और विश्व की अधिकांश समस्याओं का समाधान करने में समर्थ हैं।
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