अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की यूरोप यात्रा का शुभारम्भ
नवीन युग के प्रणेता परमपूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी की चेतना से समस्त विश्व को लाभान्वित करने के उद्देश्य से अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की यूरोप यात्रा का शुभारम्भ हुआ। *जिस क्रम में उन्होंने जर्मनी के एक प्रसिद्ध आश्रम का अवलोकन किया एवं वहां भारत और भारतीय संस्कृति से संबंधित साहित्य की स्थापना को भी प्रारंभ कराया। विदित हों कि पूज्यवर के साहित्य की स्थापना के इस विशिष्ट क्रम के साथ ही भविष्य में वहां पूज्य गुरुदेव के समग्र वांग्मय को रखने की पृष्ठभूमि तैयार हुई।
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युग परिवर्तन में भूमिका
मित्रो! आत्मपरिवर्तन के साथ- साथ यही जाग्रत आत्माएँ विश्व परिवर्तन की भूमिका प्रस्तुत करेंगी। प्रकाशवान ही प्रकाश दे सकता है। आग से आग उत्पन्न होती है। जागा हुआ ही दूसरों को जगा सकता है। जागर...
आस्तिकता
मित्रो ! आस्तिकता सच्ची शक्ति, सच्चा जीवन तथा सच्चा धर्म है। रामायण में श्रद्घा को भवानी और शिव को विश्वास की उपमा दी है और कहा है कि इन दोनों के बिना हृदय में विराजमान होते हुए भी इष्ट देव का दर्श...
गो-रक्षा की व्यावहारिक प्रणाली
गोरक्षा हिन्दू धर्म की मुख्य वस्तु है। गोरक्षा मुझे मनुष्य के सारे विकास-क्रम में सबसे अलौकिक चीज मालूम हुई है। मुझे तो यह भी स्पष्ट दीखता है कि भारत में गाय को ही देवभाव क्यों प्रदान किया गया है। ...
आश्विन नवरात्रि पर सामयिक संदर्भ:- - आत्मिक शक्ति संवर्धन हेतु विशिष्ट अवसर
ईश्वरोपासना-आराधना के लिए किसी मुहूर्त विशेष की प्रतीक्षा नहीं की जाती। सारा समय भगवान का है, सभी दिन पवित्र हैं। शुभ कर्म करने के लिए हर घड़ी शुभ मुहूर्त है, इतने पर भी प्रकृति जगत में कुछ विशिष्ट...
अनेकों सत्प्रवृत्तियों का उभार नवरात्रि आयोजनों मे
नवरात्रि आयोजनों के साथ कई प्रकार की सत्प्रवृत्तियों को उभारने को अवसर मिलता है। इस दिशा में समुचित सतर्कता बरती जाय तैयारी की जाय तो आशाजनक सत्परिणाम सामने होंगे और यह साधना पर्व सच्चे अर्थों में ...
सृजन के लिए साहस
मित्रो ! इमारतों का सृजन सीधा-सादा सा होता है। पुल, सड़कों बाँधों का निर्माण निर्धारित नक्शे के आधार पर चलता रहता है। पर युगों के नव सृजन में अनेकानेक पेचीदगियाँ और कठिनाइयाँ आ उड़ेली हैं। कार्य का...
बहुमूल्य जीवन
मित्रो ! अभागों की दुनियाँ अलग है और सौभाग्यवानों की अलग। अभागे जिस-तिस प्रकार लालच को पोषते, अविवेकी प्रजनन में निरत रहकर कमर तोडऩे वाला बोझ लादते, व्यामोह में तथाकथित अपनों को कुसंस्कारी बनाते, अ...
आदर्शवादिता का पुट घोले रहने की आदत
हमें अपने आपको एक प्रकाश यंत्र के रूप में, प्रचार तंत्र के रूप में विकसित करना चाहिए। भले ही लेख लिखना, भाषण देना न आये पर सामान्य वार्तालाप में आदर्शवादिता का पुट घोले रहने की आदत डाले रह सकते हैं...
नवरात्रि पर्व पर भाव श्रद्धा की परिणति उदार अनुदानों में है
प्रस्तुत आश्विन नवरात्रियाँ हर वर्ष मनाये जाने वाले साधना पर्व जैसी सामान्य नहीं वरन् आसाधारण स्तर की हैं। उनमें युगसंधि के बीजारोपण वर्ष की विशेष प्रयोजन भी जुड़ गया है। अमावश्या, पूर्णिमा को यों ...
नवरात्रि अनुशासन का तत्व दर्शन
नवरात्रि की अनुष्ठान साधना का अत्यधिक महत्व माना गया है। इसमें पूजा अर्चा की निर्धारित विधि व्यवस्था का अपना महत्व हैं और ऋतु सन्धि के अवसर पर इस बेला की समयपरक विशेषता है। इतने पर भी इस रहस्य को भ...