सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के दिन हुए विशाल संस्कार समारोह
अखिल विश्व गायत्री परिवार के अत्यंत सरल, सुगम विधि-विधान और के कर्मकाण्ड के तर्क, तथ्यपूर्ण प्रतिपादन ने अपनी सनातन संस्कार परम्परा को पुनर्जीवित करने में बड़ा योगदान दिया है। इस परम्परा के प्रति लोगों की आस्था निरंतर बढ़ रही है। श्राद्ध पक्ष में ‘तुम पितरों को श्रद्धा दो, वे तुम्हें शक्ति देंगे’ के भाव के साथ देश-विदेश में सामूहिक श्राद्ध, तर्पण संस्कार भी बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। प्रगतिशील विचारधारा और डंबर रहित यह सामूहिक संस्कार अधिकांश शक्तिपीठों पर सम्पन्न होते हैं। बड़ी संख्या में इनके समाचार भी मिलते हैं। प्रज्ञा अभियान में स्थान की सीमा को देखते हुए उनमें से कुछ का अति संक्षिप्त विवरण यहाँ प्रस्तुत है।
पिस्काट वे, न्यू जर्सी। संयुक्त राज्य अमेरिका
गायत्री चेतना केन्द्र, पिस्काट वे में विगत 15 वर्षों से श्राद्ध पक्ष में सामूहिक तर्पण का कार्यक्रम आयोजित होता है। केन्द्र की ओर संस्कार की समस्त सामग्री सहित पूरी व्यवस्था नि:शुल्क होती है। हर वर्ष सैकड़ों लोग इसका लाभ लेते हैं।इस वर्ष सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या, 2 अक्टूबर की सायं आयोजित सामूहिक श्राद्ध के कार्यक्रम में हिन्दू समाज के विभिन्न समुदायों के लगभग 200 परिजनों ने भाग लेकर अपनी तीन पीढ़ी की दिवंगत आत्माओं को जलांजलि-श्रद्धांजलि अर्पित की। चेतना केन्द्र के श्री शंभु जी और श्री सुबोध जी ने संस्कार का कर्मकाण्ड सम्पन्न कराया।
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