आत्म विश्वास ईश्वर का अजस्र वरदान
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पुलिस का सशस्त्र गारद साथ रहने पर सुरक्षा की निश्चिंतता हो जाती है और निर्भय आश्वस्त रहा जा सकता है। जिसे ईश्वर पर उसकी सर्व शक्ति सत्ता पर विश्वास है उसे किसी से भी डरना न पड़ेगा। जिसे ईश्वर पर भरोसा है और जो उसे अपने भीतर हर घड़ी विद्यमान अनुभव करता है उसे आत्म विश्वास की कमी क्यों रहेगी? ऊपर से— अपनी महानता और सम्भावना से आस्था खो बैठा उसे नास्तिक के अतिरिक्त और क्या कहा जायगा?
जो अपने ऊपर भरोसा करता है, उसी पर दूसरे भी भरोसा करते हैं। जो अपनी सहायता आप करता है, उसी की सहायता ईश्वर भी करता है। हो सकता है कि कोई निष्ठावान असफल रहा है। सम्भव है किसी कुशल किसान की फसल मारी जाय पर जिनने भी कृषि में कमाई की है उनमें से प्रत्येक को जोतने और बोने का श्रम करना पड़ा।
आत्म विश्वास ही शक्ति का स्रोत है। प्रगति के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकना उसी के सहारे सम्भव हो सकता है। जो ईश्वर भाग्य का निर्माण करता है उसका दूसरा नाम आत्म विश्वास है। उसी की प्रेरणा से ऐसे प्रचण्ड पुरुषार्थ का उद्भव होता है। जिसके लिए दुर्गम पर्वतों को भी रास्ता देना पड़े। वस्तुतः ईश्वर का एकमात्र दिव्य उपहार जो मनुष्य को मिलता है— आत्म विश्वास ही है।
पं श्रीराम शर्मा आचार्य
अखण्ड ज्योति जून 1974 पृष्ठ 1
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