देसंविवि में हुआ सिक्ख समाज व सनातन संस्कृति का विशिष्ट समागम
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3577/IMG-20240622-WA0048.jpg-vz1oLQY9g5_0k)
गायत्री परिवार व निहंग समाज का मिलन एक आध्यात्मिक संगम ः राज्यपाल
सिक्ख और सनातन का मिलन यानि शौर्य और संवेदना का मिलन ः डॉ चिन्मय पण्ड्या
हरिद्वार २२ जून।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में शनिवार को सिक्ख समाज एवं सनातन संस्कृति का विशिष्ट समागम हुआ। वहीं शांतिकुंज पहुंचे श्रद्धास्पद निहंग समाज के प्रतिनिधियों ने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेया शैलदीदी से आत्मीय भेंट किया। निहंग समाज के प्रतिनिधियों ने शांतिकुंज में पाँच कुण्डीय यज्ञ किया और शांतिकुंज से हरिपुर कलॉ होते हुए देसंविवि के लिए झूमते-गाते हुए भव्य रैली निकाली।
समागम का शुभारंभ माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) श्री गुरमीत सिंह, प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं फकीर सिंह खालसा के आठवें वंशज निहंग समाज के प्रतिनिधि बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर ने किया।
समागम के अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) श्री गुरमीत सिंह ने कहा कि गायत्री परिवार व निहंग समाज का यह मिलन एक आध्यात्मिक संगम हैै। यह नई पीढ़ी में साहस, शौर्य और पराक्रम जगाने का समागम है। यह समागम देश, राष्ट्र के लिए एक मिसाल बनेगा और राष्ट्र निर्माण की एक नई धारा बहेगी। राज्यपाल ने कहा कि मानवता और भाईचारा के लिए भगवान शिव और गुरुगोविन्द सिंह जी ने जो संदेश दिया, वह एक समान है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ दो भाइयों का मिलन हुआ। यह मिलन समाज निर्माण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि सद्गुरु की कृपा से जन्म जन्मांतरों का कुकर्म का नाश होता है। भारत को अक्षुण्य बनाये रखने में सिक्ख सम्प्रदाय का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि यह समय सावधान होने का है। कबीर, गुरु गोविन्द सिंह, पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य, स्वामी विवेकानंद आदि जैसे गुरुओं ने इंसान को इंसान बनाने के लिए ज्ञान की गंगा बहायी है। प्रतिकुलपति ने कहा कि सिक्ख और सनातन का मिलन साहस, शौर्य, पराक्रम और पवित्रता, प्रखरता, संवेदना का मिलन है। फकीर सिंह खालसा के आठवें वंशज निहंग समाज के प्रतिनिधि बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर ने कहा कि आज जो संबंध स्थापित हुए हैं, यह हम दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण है। सिक्ख और सनातन के संबंध अटूट है, जो आपसी भाईचारा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार का सहजता, पवित्रता और अनुशासन नये युग के आगमन का शुभ संकेत है।
इससे पूर्व माननीय राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह ने देश की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों की याद में बने शौर्य दीवार में पुष्पांजलि अर्पित की और सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को नमन किया। समापन से पूर्व राज्यपाल जी ने प्रज्ञागीतों का (कुमांउनी), ई न्यूज लेटर रिनांसा, धन्वंतरी पत्रिका, संंस्कृति संचार आदि का विमोचन किया। देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने माननीय राज्यपाल को स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अयोध्या राम मंदिर लंगर वाले के प्रमुख जत्थेदार और निहंग समाज के प्रतिनिधियों, देवसंस्कृति विवि और विभिन्न राज्यों से आये गायत्री साधक उपस्थित रहें।
Recent Post
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3577/IMG-20240622-WA0048.jpg-vz1oLQY9g5_0k)
देसंविवि में हुआ सिक्ख समाज व सनातन संस्कृति का विशिष्ट समागम
गायत्री परिवार व निहंग समाज का मिलन एक आध्यात्मिक संगम ः राज्यपाल
सिक्ख और सनातन का मिलन यानि शौर्य और संवेदना का मिलन ः डॉ चिन्मय पण्ड्या
हरिद्वार २२ जून।
द...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3568/IMG-20240621-WA0119.jpg-TVOC3eI_NjJ62)
जम्मू कश्मीर के राजौरी में योग दिवस का कार्यक्रम
जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी में अंतराष्ट्रीय योगदिवस का कार्यकर्म संपन्न ।
...![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3553/IMG-20240616-WA0049.jpg-iEBzpnCAlJ80k)
शांतिकुंज में गायत्री जयंती-गंगा दशहरा के महापर्व से लाखों को मिली संजीवनी विद्या
भारत का जीवन दर्शन है गायत्री और गंगा ः डॉ पण्ड्या
गायत्री आत्मा की और गंगा काया की देवी ः शैलदीदी
हरिद्वार 16 जून।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3541/IMG-20240615-WA0011.jpg-c8ezfzb9drD093)
अखण्ड जप के साथ दो दिवसीय गंगा दशहरा-गायत्री जयंती महापर्व का शुभारंभ
ऊँचा उठे, फिर न गिरे ऐसा हो इंसान का कर्म ः डॉ चिन्मय पण्ड्या
हरिद्वार 15 जून।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दो दिवसीय गंगा दशहरा व गायत्री जयंती महापर्व का शुभारंभ अखण्ड जप से हुआ।...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3531/7A (4).jpg-ikxwHAN8m9YZj)
सफलता की कुँजी
डरो मत। श्रद्धा करो। दुःख और आपत्ति की छाया से घिरने पर भी मत डरो। तुम अविनाशी परमात्मा के पुत्र हो। वह दिव्य अखंड ज्योति तुम्हारे अंधकार को नष्ट कर देगी। धीर बनो। तुम्हारे भीतर वह शक्ति है जो तुम्...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3530/Budha 17.jpg-GnCam8RuTkHZ83)
दुष्टों से प्रेम, दुष्टता से युद्ध
बीमारी और बीमार एक ही वस्तु नहीं हैं। यदि डॉक्टर बीमारी के साथ बीमार को भी मार डाले, तो उसकी बुद्धि को क्या कहें?
आप दुष्टता और दुष्ट के बीच अंतर करना सीखिए। कोई भी प्राणी ...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3529/dene se hi milga (1).jpg-2a9DHfE9D8YZj)
प्रेम का अर्थ
“प्रेम करने का अर्थ है विश्व के सब जीवों और वस्तुओं से आत्मीयता, बन्धुत्व और एकता का अनुभव करना, और इतना गहरा अनुभव करना कि अपने आस-पास के सब लोगों पर उसका प्रभाव पड़े ओर उन्हें अधिक सुरक्षा ...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3528/Z 574 (3).jpg-NBYrsNGK2fHZ83)
इस संसार के यात्री
“ इस संसार के निवासी तूफान में फँसे हुए जहाज के उन यात्रियों के समान हैं, जिनके पास भोजन की सामग्री बहुत कम रह गई है। ईश्वर या प्रकृति ने हमको ऐसी स्थिति में डाल दिया है कि आपत्ति से बच...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3527/17_2 (1).jpg-D1t4aAl4ycHZ83)
सम्पदा को रोकें नहीं
परमात्मा के अनन्त वैभव से विश्व में कमी किसी बात की नहीं। भगवान् आपके हैं और उसके राजकुमार के नाते सृष्टि की हर वस्तु पर आपका समग्र अधिकार है। उसमें से जब जिस चीज की जितनी आवश्यकता हो, उतनी लें और ...
![](https://s3.ap-south-1.amazonaws.com/awgp.org/public_data/gurukulam/post/3526/397.jpg-_Y7jFK9Xa3HZ83)
प्रसन्न रहने का सरल उपाय
असुविधायें उत्साह बढ़ाती और प्रगति के लिए सुतिधायें प्रदान करती हैं। एकाकी रहने पर दोनों अपूर्ण हैं। पूर्णता के लिए ऐसा कुछ चाहिए, जिसमें अग्रगमन का उत्साह और अवरोध से जूझने का पराक्रम प्रकट हो प्रस...