Magazine - Year 1968 - Version 2
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Language: HINDI
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संस्कारों और पर्वों की पृथक्-पृथक् पुस्तकें
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पर्व और संस्कार मनाने के ऐसे सरल रूप का आग्रह किया जा रहा था, जिसमें कुछ समझने सोचने की आवश्यकता न पड़े और अजनबी भी उन पुस्तकों को खोल कर पर्व या संस्कार करा सके। इस माँग के अनुरूप हर संस्कार, पर्व की अलग-अलग पुस्तकें तो नहीं पर दो-दो को मिला कर एक-एक छोटी पुस्तक छपा दी गई है। आयोजन करते समय उपस्थित सुशिक्षितों के पास एक-एक पुस्तक हो तो सभी साथ-साथ मन्त्रोच्चारण करके उस क्रियाकलाप की शोभा बहुत ही सुन्दर रीति से बढ़ा सकते हैं।
पर्व पुस्तकें
(1) श्रावणी पर्व विधान मूल्य 50 पैसे
(1) पितृ-अमावस्या पर्व विधान 40 पैसे
(1) विजय-दशमी और दीपावली पर्व 50 पैसे
(1) गीता-जयन्ती और बसन्त-पंचमी पर्व 40 पैसे
(1) शिवरात्रि और होलिका पर्व विधान 50 पैसे
(1) गायत्री जयन्ती और गुरु पूर्णिमा पर्व 40 पैसे
संस्कार पुस्तकें
(1) पुँसवन और नामकरण संस्कार 40 पैसे
(7) पुंसवन और नाम करण संस्कार 40 पैसे
(8) अन्न-प्राशन चूड़ाकर्म और विद्यारम्भ 40 पैसे
(9) यज्ञोपवीत और वानप्रस्थ संस्कार 40 पैसे
(10) विवाह संस्कार 50 पैसे
(11) मरणोत्तर और अंत्येष्टि संस्कार 50 पैसे
(12) जन्म-दिवसोत्सव, विवाह-दिवसोत्सव 40 पैसे
धर्म-मंच से युग-निर्माण का प्रेरणाप्रद साहित्य
(1.) रामायण कथा 6.00, (2) गीता-कथा 6.00, (3) गीता पद्यानुवाद 3.00, (4) अभिनव संस्कार पद्धति 2.50, (5) पर्वों की प्रेरणा और पद्धति 2.00, (6) सत्य-नारायण कथा 0.75 पैसे, (7) सत्यनारायण पद्यानुवाद 0.40 पैसे
नव-निर्माण का प्रेरणाप्रद साहित्य
मनुष्य जीवन की विभिन्न समस्याओं पर रचनात्मक दृष्टिकोण रख कर यह 1) मूल्य की पुस्तकमाला लिखी गई है। आत्म-निर्माण एवं आत्म-विकास के लिये हम क्या करें, शरीर, सम्बन्धियों एवं समाज के उत्थान के लिये क्या करें, उसका भावनात्मक एवं क्रियात्मक मार्गदर्शन प्रस्तुत पुस्तकों में मिलेगा। प्रत्येक पुस्तक का मूल्य कुल 1) रु.
आध्यात्मिक, धार्मिक एवं साधनात्मक-
ईश्वर और उसकी प्राप्ति। 2. वेदों का दिव्य संदेश। 3. पन्थ अनेक लक्ष्य एक। 4. आप सर्व शक्तिमान हैं। 5. आत्म-कल्याण का राज-मार्ग। 6. जिन्दगी कैसे जियें? 7. सद्गुणों की सच्ची सम्पत्ति। 8. अपना उद्धार आप करें। 9. आशा की जीवन-ज्योति। 10. विचारों की अलौकिक शक्ति। 11. संकल्प शक्ति के अद्भुत चमत्कार। 12. प्रगति के पथ पर। 13. मनुष्य का मूल्याँकन। 14. चिन्ता छोड़िये-प्रसन्न रहिये। 15. इन दुर्गुणों को छोड़िये। 16. मानसिक कमजोरियों से कैसे बचें?
नव-निर्माण का दर्शन एवं मार्ग-
हम बदलें तो दुनिया बदले। 2. समाज की अभिनव रचना। 3. समस्त समस्याओं का एक ही हल। 4. नये युग की नई प्रेरणा। 5. हमारी युग-निर्माण योजना। 6. नये युग का सूत्रपात। 7. विष से अमृत की ओर। 8. शिखा और यज्ञोपवीत का रहस्य। 9. मनुष्य में ईश्वर की झाँकी। 10. जीवन संग्राम में कैसे जीतें? 11. आप लेखक कैसे बनें? 12. प्रभावशाली वक्ता बनने की कला? 13. राष्ट्र की निर्मात्री नारी। 14. विदेशियों से इतना तो सीखें।
आरोग्य-रक्षा और प्राकृतिक चिकित्सा-
1. आरोग्य रक्षा के रहस्य। 2. क्या खायें? कैसे खायें? 3. बलवर्धक व्यायाम। 4. शक्ति का स्त्रोत प्राणायाम। 5. कब्ज कैसे दूर हो? 6. प्राकृतिक चिकित्सा ज्ञान। 7. कल्प चिकित्सा। 8. तम्बाकू घातक विष है। तुलसी के चमत्कारी गुण।
डडडड निर्माण साहित्य-
1. शिशु जन्म से पूर्व। 2. शिशु और अभिभावक। 3. हमारे महान उत्तराधिकारी। 4. बच्चे और उनका मनोविज्ञान। 5. बालकों का नव-निर्माण। 6. बाल-विकास की समस्यायें। 7. बच्चों को कैसे सुधारा जाय? 8. बच्चों की शिक्षा-दीक्षा। 9. बालकों को इन दुर्गुणों से बचाइये। 10. बच्चे सद्गुणी कैसे बनें? 11. बालकों को इस तरह सुधारिये।
पारिवारिक समस्याओं का हल-
1. परिवार और उसका निर्माण। 2. सुख-शांतिमय गृहस्थ। 3. सुसंतुलित परिवार। 4. मितव्ययी बनिये-सुखी रहिये।
कथा इतिहास और जीवन-चरित्र-
1. धर्म पुराणों की सत् कथायें। 2. चरित्र-निर्माण की कथायें। 3. भारत की महान विभूतियाँ। 4. संसार के महापुरुष। 5. बड़ों की बड़ी बातें। 6. व्रत और त्यौहार।
कविता और गायन-
1. युग-संदेश। 2. युग-गायन। 3. युग-वीणा। 4. उद्बोधन। 5. दोहा अन्त्याक्षरी।