Magazine - Year 1994 - Version 2
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Language: HINDI
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जीवित रहने की इच्छा (Kahani)
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डगलस जेरन्ड को डाक्टरों ने बताया कि ‘तुम जीवित नहीं रह सकते वह बोला’-”क्या मैं निराधार बालकों को ऐसे ही छोड़ जाऊँगा? नहीं, मर सकता। इसके बाद वह बहुत वर्षों तक जीवित रहा। इसी प्रकार ‘सेनेका’ बहुत समय तक रोग शय्या पर पड़े रहने के पश्चात् उठकर खड़ा हो गया। उसने कहा कि मेरे मरने की बात को मेरा पिता सहन नहीं कर सकता था, इस भावना से मैंने जीवित रहने का निश्चय किया और प्राणघातक व्याधि को हटा देने में समर्थ हुआ।