400 से अधिक जरूरतमंदों में बाँटे कंबल, त्रिपाल और चटाइया
पीड़ित मानवता की सेवा के सहज स्वभाव के अनुरूप शान्तिकुञ्ज ने 12 जनवरी के दिन हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण ठंड का प्रकोप झेल रहे जरूरतमंदों तक पहुँचकर उन्हें कंबल, त्रिपाल और चटाइयाँ प्रदान कीं। सेवा-सहायता का यह कार्य श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया जीजी के निर्देशानुसार सम्पन्न हुआ। राहत सामग्री वितरण करने जा रहे कार्यकर्त्ताओं से उन्होंने पीड़ितों के प्रति सहृदयता का भाव रखते हुए उनकी अधिक से अधिक सहायता करने के शान्तिकुञ्ज की सेवाओं से राहत अनुभव करती पीड़ित मानवता निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दीन-दु:खियों की सेवा ही भगवान की सच्ची पूजा-आराधना है। उनके हृदय से निकला आशीर्वाद भगवान के वरदान के समान होता है। पीड़ितों के प्रति सहृदयता गायत्री परिवार की पहचान है, हमें इस सेवाभाव को निरंतर बढ़ाते रहना चाहिए।
मध्य रात्रि में ठंड से ठिठुरते गरीबों को राहत सामग्री प्रदान करने के लिए शान्तिकुञ्ज से सर्वश्री नरेन्द्र ठाकुर, संतोष कुमार, मंगल सिंह गढ़वाल, पद्माकर लांजेवार, अरूण तोमर, आसमान नेताम की टोली गई थी। वे चण्डीघाट व बैरागीद्वीप में बने रैन बसैरों में पहुँचे। खड़खड़ी, भारत माता मंदिर, पावन धाम, सवार्नंद घाट, गंगा तट के भागीरथ बिंदु से लेकर ठोकर नं. 16 के मार्गों के किनारे खुले आसमान के नीचे ठिठुरे, सिकुड़े पड़े लोगों को प्रेमपूर्वक कंबल ओढ़ाये एवं अन्य सामग्री दी।
श्री नरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि कई लोग तो भीषण ठंड में मात्र फटे बैनर ओढ़कर सोते दिखाई दिये। सैकड़ों लोगों ने कंबल, चटाई, त्रिपाल प्राप्त करने के बाद बड़ी राहत अनुभव की, खूब-खूब आशीर्वाद दिये। उन्होंने बताया कि इस अभियान में लगभग 400 साधुओं, भिक्षुओं और अन्य जरूरतमंदों की सेवा-सहायता की गई।