भूमि सुपोषण अभियान का शुभारंभ
गायत्री परिवार सहित अनेक सुप्रसिद्ध धार्मिक-सामाजिक संस्थाएँ हो रही हैं शामिल
भारत के भविष्य के जागरण से जुड़ा है भूमि सुपोषण कार्य।
- आद. डॉ. चिन्मय जी
मनुष्य को स्वस्थ रहना जितना आवश्यक है, उतना ही आवश्यक भूमि का सुपोषित होना भी है। जब भूमि स्वस्थ, सुपोषित और उर्वर रहेगी, तभी मनुष्य सहित अन्य जीव-जन्तुओं के जीवन की कल्पना की जा सकती है।
दिनांक 4 अप्रैल 2024 को हरिद्वार प्रेस क्लब में इस संदर्भ में एक वार्ता हुई। देसंविवि के प्रति कुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने वीडियो संदेश के माध्यम से पत्रकारों तथा कई सामाजिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को बताया कि गायत्री तीर्थ शान्तिकुञ्ज के मार्गदर्शन में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा देश भर के प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर भूमि सुपोषण अभियान का शुभारंभ कर रहा है।
चैत्र नवरात्र से आरंभ हो रहे इस अभियान के अंतर्गत भूमि पूजन, भूमि सुपोषण करने वालों का सम्मान, भूमि सुपोषण प्रयोगों का प्रशिक्षण, संगोष्ठी, कार्यशालाएँ, जागरूकता शिविर, प्रदर्शनी आदि कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं। नगरीय क्षेत्रों में जैविक-अजैविक अपशिष्ट के अलग-अलग निस्तारण तथा जैविक अपशिष्ट से खाद बनाने जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आद. डॉ. चिन्मय जी ने इसे भारत के भविष्य से जुड़ा हुआ अभियान बताया।
अक्षय कृषि परिवार के राष्ट्रीय सचिव डॉ. गुणाकर जी ने कहा कि गाँवों के खेतों में तालाब निर्माण, छतीय जल संग्रहण, पुरानी जल संरचनाओं की स्वच्छता, नदियों एवं अन्य छोटे जल स्रोतों की साफ-सफाई हेतु लोगों को प्रेरित किया जायेगा। गायत्री परिवार के प्रतिनिधि डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिये गये पाँच गाँवों में भी भूमि सुपोषण कार्यक्रम लिया जा रहा है। श्री रामकृष्ण मिशन की छबि
सिसोदिया, इस्कॉन के प्रतिनिधि श्री जगदीश हरिदास, पतंजलि योगपीठ, स्वदेशी जागरण मंच सहित कई संस्थानों के प्रतिनिधि इस वार्ता में शामिल रहे।