माँ गंगा और देवात्मा हिमालय की गोद में बसे आध्यात्मिक ऊर्जा केन्द्र नई टिहरी में पाँच दिवसीय मौन साधना का सुअवसर
शिविर में भागीदारी के लिए यथाशीघ्र अपना पंजीयन करायें
नई टिहरी की सबसे ऊँची पहाड़ी पर स्थित है गायत्री शक्तिपीठ। यह वह
स्थान है जहाँ से गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ चारों धामों की
पर्वत शृंखलाओं के दर्शन प्राप्त होते हैं। नीचे माँ गंगा पर बनी भारत की सबसे बड़ी
झील की दिव्य छटा है। जगद्गुरू शंकराचार्य ने टिहरी में रूककर लंबे समय तक साधना
की थी। यह क्षेत्र सुरकुंडा देवी, कुँजापुरी
विशेष ज्ञातव्य :
इत्यादि माताओं के मंदिरों की दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है।
शान्तिकुञ्ज द्वारा इस दिव्य शक्तिपीठ में पाँच दिवसीय मौन
साधना सत्रों की शृंखला आरंभ की गई है। जो परिजन इस दिव्य वातावरण
में उच्च स्तरीय साधना करना चाहते हों, वे शान्तिकुञ्ज से संपर्क कर अपना पंजीयन करा
सकते हैं।
# साधना उच्च स्तरीय है, अत: पूर्व में साधना अनुष्ठानों के अभ्यासी परिजन ही आवेदन करें।
# शारीरिक या मानसिक दृष्टि से अक्षम या बीमार परिजनों को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।
# प्रत्येक शिविर में केवल 24 साधक रहेंगे।
# शान्तिकुञ्ज से आने-जाने की व्यवस्था ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से की गई है।
पंजीयन या अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:- श्री रमेश साहू- मो.नं. 9258369775,
श्री आशुतोष मिश्र-मो.नं. 9258299655, श्री चिन्मय गुरूवंश-मो.नं. 7906679744