शान्तिकुञ्ज में डॉ. चिन्मय जी का अभिनंदन
माननीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी श्रद्धेया जीजी से आशीर्वाद लेते हुए और कार्यकर्त्ताओं का अभिनंदन स्वीकार करते हुए
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति माननीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी का शान्तिकुञ्ज परिवार ने अत्यंत भावभरा स्वागत किया। श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी, श्रद्धेया शैल जीजी ने उनका मंगल तिलक कर पुष्पहार पहनाया। शान्तिकुञ्ज के व्यवस्थापक आदरणीय श्री महेन्द्र शर्मा जी, पूर्व व्यवस्थापक श्री शिवप्रसाद मिश्रा जी, श्री हरीश ठक्कर जी तथा शान्तिकुञ्ज के लगभग सभी विभाग प्रमुखों ने उन्हें पुष्पों की माला पहनाकर अपनी अनुभूतियाँ कृतज्ञता व्यक्त की, शुभकामनाएँ दीं। एक ऐतिहासिक उपलब्घि इस अवसर पर आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने सहज स्वभाव के साथ कहा कि गर्व तो इस बात पर होता है कि उन मंचों पर परम पूज्य गुरूदेव और गायत्री परिवार की बात पहुँच रही है, जिन मंचों पर भारतीय प्रतिनिधित्व दुर्लभ आदरणीय डॉ. हुआ करता था। हिरोशिमा, जहाँ बम गिरने के बाद से अब तक कोई बड़ा कार्यक्रम हुआ ही नहीं, उस स्थान पर परम पूज्य गुरूदेव की मेरे अकेले की नहीं, आवाज गूँजना एक ऐतिहासिक घटना है। प यूनाइटेड नेशन के चार्टर में परम पूज्य गुरूदेव का नाम आना बहुत बड़ी उपलब्धि है। हिन्दू धर्म के प्रतिनिधित्व के लिए गायत्री परिवार को चुना जाना गौरव की बात है।