गुरू पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी का संदेश
जो बुद्धि से बोध की यात्रा कराये, वही सद्गुरू होते हैं
युगतीर्थ शान्तिकुञ्ज में पावन गुरू पूर्णिमा पर्व का तीन दिवसीय समारोह परम्परागत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। श्रद्धेया शैल जीजी एवं श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी ने 21 जुलाई 2024 को अखिल विश्व गायत्री परिवार के करोड़ों अनुयायियों का प्रतिनिधित्व करते हुए परम पूज्य गुरूदेव एवं परम वंदनीया माताजी के रूप में अवतरित युगान्तरीय चेतना का भावभरा पूजन किया। शान्तिकुञ्ज में उपस्थित लगभग 15 से 20 हजार श्रद्धालु, साधकों ने गुरू स्मारकों पर अपनी संकल्प श्रद्धाञ्जलि समर्पित की। श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पण्ड्या जी ने अपने संदेश में परम पूज्य गुरूदेव के विराट व्यक्तित्व का स्मरण कराते हुए उन्हें गुरू रूप में वरण करने के सौभाग्य का बोध कराया। श्रद्धेया शैल जीजी ने अपने संदेश का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि गुरू पूर्णिमा का एक ही संदेश है-समर्पण और सतत स्मरण के साथ श्रद्धा को निरंतर बढ़ाते रहना। तीन दिनों में परम्परागत 24 घण्टे का अखण्ड जप, यज्ञ, संस्कार आदि के अलावा जीवन को सत्पथ की दिशा देने वाले और युगधर्म का बोध कराने वाले कई कार्यक्रम हुए।