शिक्षा में ही देश का भाग्य बदलने की शक्ति निहित है।- माननीय राज्यपाल, उत्तराखण्ड
श्री अतुल कोठारी जी, डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी, उत्तराखण्ड के माननीय राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) श्री गुरमीत सिंह तथा श्री शरद पारधी जी ज्ञानकुम्भ के समापन सत्र में विभिन्न पत्रिकाओं का विमोचन करते हुए
उत्तराखण्ड के माननीय राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह 2 अक्टूबर को आयोजित ज्ञानकुंभ के समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि सद्ज्ञान से व्यक्ति की सोच में शुचिता और सकारात्मकता बढ़ती है। शिक्षा में ही देश का भाग्य बदलने की शक्ति निहित है।
आने वाली पीढ़ियाँ लाभ उठायें
माननीय राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) श्री गुरमीत सिंह जी ने ज्ञानकुंभ में उभरे विचारों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने का आग्रह किया, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इन विचारों से लाभान्वित हो सकें।
ऊर्जादायी है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
ज्ञानकुंभ में हुए विचार मंथन में वक्ताओं ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से युवाओं में एक नया आत्मविश्वास उभर रहा है और नई ऊर्जा का विकास हो रहा है।
देसंविवि के युवा उत्कर्ष के प्रयासों का अभिनंदन
इस ज्ञानकुम्भ में देश के तीस से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षाविदों एवं वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने युवाओं के कौशल और उनके चिंतन एवं जीवन में सृजनात्मकता का समावेश करने के देव संस्कृति श्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की।