पश्चिमोत्तर प्रान्त एवं नेपाल की कार्यशाला
शान्तिकुञ्ज में 25 से 27 सितम्बर 2024 की तिथियों में पश्चिमोत्तर जोन के राज्यों एवं नेपाल में ज्योति कलश यात्राओं के संचालन हेतु कार्यशाला हुई। इसके समापन सत्र को संबोधित करते हुए पं. शिवप्रसाद मिश्र ने अखण्ड दीप को युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री एवं परम वन्दनीया माताजी के दिव्य संकल्पों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूर्य की किरण निकलते ही अंधकार मिट जाता है, उसी प्रकार सद्विचार के प्रकाश से कुविचार और दुर्भावनाएँ नष्ट हो जाएँगी। श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैल जीजी ने इन राज्यों में ज्योति कलश यात्राओं के संचालन हेतु शक्ति कलशों का पूजन किया। उन्होंने सभी कार्यकर्त्ता भाई-बहिनों से व्यक्तिगत रूप से भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया, आशीर्वाद दिया। समापन सत्र के पश्चात् उत्तराखण्ड, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, चण्डीगढ़ व नेपाल में ज्योति कलश यात्राओं के लिए पूजित शक्ति कलशों की शोभा यात्रा निकाली गई। यह यात्रा देव संस्कृति विश्वविद्यालय एवं हरिपुर कलाँ ग्राम में जनजागरण करने के पश्चात् शान्तिकुञ्ज में प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा पर पहुँचकर समाप्त हुई।