मध्य प्रदेश के 4 दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी गायत्री शक्तिपीठ टीकमगढ़ पहुंचे।
अपने मध्य प्रदेश के 4 दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी गायत्री शक्तिपीठ टीकमगढ़ पहुंचे और मां गायत्री का पूजन कर परिजनों से भेंट की।
तत्पश्चात उन्होंने गायत्री प्रज्ञा पीठ बकस्वाहा में मां गायत्री का पूजन कर परिजनों से भेंट की।
इसी क्रम मिशन एवं गुरुसत्ता का संदेश लेकर आदरणीय पंड्या जी गायत्री शक्तिपीठ दमोह पहुंचे और गायत्री मंदिर में दर्शन पूजन कर सभी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। इस अवसर दमोह के डीएम, एडीएम, एसएसपी एवं गायत्री परिजनों ने उनका अभिनंदन किया। तत्पश्चात् वे प्रधानमन्त्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, ज्ञान चंद श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दमोह में पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय युवा शक्ति को भारतीय ज्ञान परंपरा एवं भारतीय संस्कृति की गौरव गरिमा का बोध करवाने हेतु मध्यप्रदेश सरकार एवं गायत्री परिवार दमोह
के तत्वावधान में भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर बुंदेलखंड की युवा शक्ति, परिजनों तथा जनमानस को संबोधित किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश शासन के मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी जी, माननीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार (संस्कृति एवं पर्यटन,धार्मिक न्यास), श्री राहुल सिंह जी, माननीय सांसद, दमोह लोक सभा क्षेत्र एवं डॉ रामकृष्ण कुसमरिया, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग म प्र एवं पूर्व केबिनेट मंत्री ने आदरणीय चिन्मय पंड्या जी का भाव भरा स्वागत एवं अभिनंदन किया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जीवन में गलत कार्य के लिए, पतन के लिए, बिगड़ने के लिए किसी प्रकार की योग्यता अथवा डिग्री की आवश्यकता नहीं लेकिन सृजन के लिए, निर्माण के कार्य करने के लिए अदम्य संघर्ष, साहस और संकल्प की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि आज का दिन बड़ा सौभाग्य लेकर आया है क्योंकि आज हम भारतीय संस्कृति, संस्कारों को समाधान की दृष्टि से देख रहे हैं। आज सारा विश्व भारतीय संस्कृति की विराट ज्ञान परंपरा को वर्तमान की सभी समस्याओं के समाधान के रूप में देख रहा है । उन्होंने कहा कि हमें जो मिला है उसको सौभाग्य में बदले, अपना समय प्रतिभा धन साधन सभी कुछ भारत की सेवा में लगा देना ही युवाओं का एक मात्र लक्ष्य हो।
इसके पश्चात आदरणीय पंड्या जी ने गायत्री प्रज्ञा पीठ बड़ी देवी, दमोह में मां गायत्री का पूजन कर परिजनो से भेंट की। इसी क्रम उन्होंने दमोह के प्रसिद्ध बड़ी देवी मन्दिर में मां का दर्शन कर सभी की उज्ज्वल भविष्य एवं मंगलमय जीवन की प्रार्थना की।