आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी रीवा के बेल्हाई शक्तिपीठ में पूजन कर मध्यप्रदेश के बघेलखंड क्षेत्र स्थित सीधी जिले के गायत्री आश्रम परखुड़ी पहुंचे।
अपने मध्य प्रदेश प्रवास में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी रीवा के बेल्हाई शक्तिपीठ में माँ गायत्री का पूजन कर एवं परिजनों से भेंट कर मध्यप्रदेश के बघेलखंड क्षेत्र स्थित सीधी जिले के गायत्री आश्रम परखुड़ी पहुंचे।
सुरम्य पहाड़ियों, हरे भरे वृक्षों एवं अरण्य से घिरे गायत्री आश्रम परखुड़ी में पहुंचने पर गायत्री परिजनों ने आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी का भव्य स्वागत किया।
प्रातः काल की दिव्य वेला में माँ गायत्री, माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती की प्राण प्रतिष्ठा कर उन्होंने 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में आए परिजनों एवं कार्यकर्ताओं को गुरुसत्ता का अमृत संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि इस दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति और पूंजी श्रद्धा है। आज आंतरिक श्रद्धा की अभिव्यक्ति का दिवस है। अपनी श्रद्धा को गुरु चरणों में लगाकर उनकी इच्छा की पूर्ति में जीवन लगाना ही सच्ची गुरु भक्ति है। माँ गायत्री, परम पूज्य गुरुदेव एवं परम वंदनीया माताजी की दिव्य चेतना के साक्षात् आगमन से आज परखुड़ी की पावन धरा धन्य हो गई है। यही चेतना बघेलखंड के सम्पूर्ण परिक्षेत्र को गायत्रीमय कर गायत्री आश्रम पड़खुरी को युग निर्माण योजना के एक महत्वपूर्ण आधारभूत केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
इस अवसर पर सीधी, रीवा, सतना, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, ग्वालियर, देवास, जयपुर के परिजनों के साथ क्षेत्र के कर्मनिष्ठ, परम पूज्य गुरुदेव के संदेश को आत्मसात् कर त्यागमय जीवन जीने वाले नींव के पत्थर वरिष्ठ परिजन भी उपस्थित थे।