नाथद्वारा, राजस्थान में गायत्री धाम भूमि पूजन समारोह आयोजित एक ऐतिहासिक और भावपूर्ण आयोजन।
युग निर्माण के पुनीत संकल्प में जुड़े प्रत्येक कदम एक नई सदी का निर्माण करते हैं।
नाथद्वारा, राजस्थान
|| 18 नवंबर 2024 ||
महाराणा प्रताप की वीर भूमि और संस्कृति की गाथाओं से गूंजते राजस्थान में, जहाँ हर कण में त्याग और बलिदान की गाथाएं लिखी गई हैं, वहीं आज युग निर्माण के पुनीत संकल्प की ज्योति प्रज्वलित हुई है। नाथद्वारा, राजस्थान में आयोजित गायत्री धाम भूमि पूजन समारोह एक ऐतिहासिक और भावपूर्ण आयोजन बना। इस विशेष अवसर पर, अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी।
डॉ. पंड्या जी का उदयपुर एयरपोर्ट पर आगमन हुआ, जहाँ गायत्री परिवार के समर्पित परिजनों ने पूरे आदर और श्रद्धा के साथ भव्य स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने उदयपुर और राजस्थान में कार्यरत गायत्री परिवार के परिश्रमी और समर्पित सदस्यों से भेंट की और उनके सेवा और समर्पण भाव को सराहा।
इसके पश्चात, डॉ. चिन्मय पंड्या जी नाथद्वारा पहुंचे, जहां उन्होंने गायत्री धाम भूमि पूजन के शुभ आयोजन को संपन्न किया। इस अवसर पर पंजाब के माननीय राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी, पूज्य श्री 1008 ईश्वरानंद जी महाराज, पूज्य और पूजनीय आई श्री कंकु केशर मां मिराज ग्रुप के प्रमुख श्री मदन पालीवाल जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री श्रीवर्धन जी सहित अनेक संतों और गणमान्य अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन की दिव्यता को बढ़ाया।
डॉ. पंड्या जी ने श्रद्धालुओं और परिजनों को संबोधित करते हुए कहा: आज की पुकार है कि मनुष्य को उसके देवत्व का स्मरण कराया जाए। गायत्री परिवार अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस उद्देश्य को साकार कर रहा है, जो मनुष्य को उसके भीतर स्थित देवता से परिचित कराने का प्रयास है। नाथद्वारा में गायत्री शक्तिपीठ के ‘भूमि पूजन’ जैसे आयोजनों के द्वारा यह संदेश हर हृदय तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है – ‘मनुष्य का असली स्वरूप उसके भीतर के देवत्व में निहित है।’
इस आयोजन में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। डॉ. पंड्या जी ने सभी परिजनों को एकजुट होकर युग निर्माण के लक्ष्य की ओर अग्रसर होने का आह्वान किया।