नई दिल्ली मे आयोजित 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में डॉ. चिन्मय पंड्या जी का आगमन, आध्यात्मिक नव जागरण का हुआ उद्घोष
राष्ट्र को जागृत एवं जीवंत बनाए रखने के संकल्पों के दिव्य उदघोष संग गायत्री परिजनों के उत्साहपूर्ण प्रयासों से संपन्न हो रहे विराट 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में अखिल विश्व गायत्री परिवार युवा प्रतिनिधि आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी का शुभागमन हुआ । इस अवसर पर उन्होंने देव संस्कृति दिग्दर्शन प्रदर्शनी का अवलोकन कर यज्ञ स्थल पर पहुंचकर हजारों परिजनों को संबोधित किया।
ज्योति अब ज्वाला बनेगी का संदेश देते हुए डॉक्टर पंड्या जी ने कहा कि इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य है - अखंड दीप की ज्योति को घर घर तक पहुंचाना है। गायत्री परिवार का उद्देश्य है हर मनुष्य देवता बनें। जीवन की श्रेष्ठ संभावना को विकसित कर हमें समाज के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देना है। आज की ज्वलंत समस्या है पर्यावरण असंतुलन। यज्ञ के प्रभाव से न केवल मनुष्य के भीतर देवत्व का विकास होता है अपितु पर्यावरण को पोषण भी मिलता है।
डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी ने कहा कि वर्ष २०२६ से वर्ष २०५० के मध्य २४ वर्षों की यह विशेष वेला साधनात्मक पुरुषार्थ का संदेश लेकर आई है। यह स्वर्णिम अवसर मिशन के वैश्विक विस्तार को समग्रता प्रदान करने का है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से आध्यात्मिक नव जागरण का उदघोष हो रहा है।
इस विशिष्ट अवसर पर डॉ. नरेश त्रेहन, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, मेदांता हॉस्पिटल, और डॉ. अरविंद कुमार, चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट सर्जरी, मेदांता हॉस्पिटल भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर आकर हम सभी धन्य हैं। गायत्री परिवार द्वारा किया गया यह पुरुषार्थ निश्चित ही सभी के लिए उज्ज्वल भविष्य को लेकर आया है।