पुलिस संवाद एवं तनाव पर डॉ. चिन्मय पंड्या का प्रेरणादायक संबोधन
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के अपने पांच दिवसीय प्रवास के पांचवें दिन अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी 36वीं वाहिनी वि.स. बल कनकी बालाघाट, मध्यप्रदेश में पहुंचे।
पुलिस फोर्स एवं हॉफ फोर्स को 'पुलिस संवाद एवं तनाव' विषय पर संबोधित करते हुए कहा, "आज का दिन बड़े ही महत्वपूर्ण प्रश्न के साथ आया है। दुनिया के सभी धर्मों में यही कहा गया है कि मनुष्य का जन्म बड़ी कठिनाई से मिलता है, लेकिन केवल सनातन संस्कृति में कहा गया है कि आप सभी अमृत पुत्र हो, आप सभी परम पिता परमात्मा के दिव्य अंश हैं। आज का मनुष्य और कुछ नहीं, बस भटका हुआ देवता है, जो अपने स्वरूप और अपने लक्ष्य को भूल बैठा है। लेकिन आज हम सबको यह समझना होगा कि जो कुछ हम बाहर ढूंढने में लगे हुए हैं, वह जीवन का देवता हमारे अंतःकरण में विद्यमान है।"
साथ ही, मनुष्य जीवन की श्रेष्ठता और धर्म-कर्तव्य पर दृष्टि डालते हुए उन्होंने आगे कहा, "इस सृष्टि में सभी कुछ परम पिता परमेश्वर की संतान स्वरूप है। यह दुनिया भगवान का घर है, और जिस तरह से मां-बाप अपनी सबसे योग्य संतान को घर-परिवार की जिम्मेदारी देते हैं, आज उस ईश्वर की अपनी सबसे श्रेष्ठ संतान, मनुष्य, से यह आशा और अपेक्षा है कि वह इस संसार को संवारे, पुष्पित-पोषित और पल्लवित करे। आपके जीवन की अंतिम संभावना को स्पष्ट करना ही जीवन का लक्ष्य है। और यह है आज का समय। आज, अभी, इस घट रहे वर्तमान से ज्यादा महत्वपूर्ण और कुछ नहीं है। यही वह अवसर है, जिसे पहचान लेने पर इस जीवन की सभी सफलताएं और विभूतियां स्वतः ही आपको मिल सकती हैं।"
जीवन के तनाव को दूर करने के रहस्य को समझाते हुए उन्होंने कहा, "जैसे ही हम किसी और के जीवन में खुशियां लाने का कार्य करते हैं, वैसे ही हमारे जीवन में आनंद और खुशी का खजाना खुल जाता है। जिसने किसी को कभी हंसकर देखा तक नहीं, वह कैसे यह अपेक्षा कर सकता है कि उसके जीवन में सुख और हंसी आए?"
इस कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक श्री संजय सिंह IPS, उप पुलिस महानिरीक्षक श्री मुकेश श्रीवास्तव IPS बालाघाट, पुलिस निरीक्षक श्री नागेंद्र सिंह IPS बालाघाट की उपस्थिति भी रही। साथ ही, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने 36वीं वाहिनी विसबल कनकी बालाघाट में स्थित कनकी धाम श्री महाबली हनुमान मंदिर में आरती कर वृक्षारोपण किया।