
तेलुगु में जीवन साधना सत्र
युगतीर्थ शान्तिकुञ्ज में सितम्बर और अक्टूबर 2024 में तेलुगु भाषी परिजनों के लिए विशेष जीवन साधना सत्रों का आयोजन हुआ। इनमें क्रमश: 125 और 200- 200 श्रद्धालुओं की भागीदारी रही। इन सत्रों में गुरू, गायत्री और यज्ञ के तत्त्वदर्शन को समझाने के साथ- साथ भारतीय संस्कृति के पुनर्जीवन और विस्तार की प्रभावशाली प्रेरणाएँ दी जा रही हैं। सभी शिविरार्थी श्रद्धेया शैल जीजी एवं आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी के स्नेहासिक्त आशीष और मार्गदर्शन से भी अभिभूत हुए। इन शिविरों में बड़ी संख्या में नए परिजन गायत्री मंत्र की दीक्षा लेकर मिशन के नैष्ठिक कार्यकर्त्ता के रूप में ढल रहे हैं एवं अपनी सनातन संस्कार परम्परा के प्रगतिशील स्वरूप से प्रभावित हो रहे हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में ज्योति कलश यात्राओं के संचालन में यह प्रशिक्षित साधकगण बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे, ऐसे संकल्प उभरे हैं। तेलुगु भाषी शिविरों के अधिकांश साधकगण मासिक पत्रिका ‘युगशक्ति गायत्री’ के सदस्य बने। उन्होंने अपने क्षेत्रों में प्रज्ञा/महिला मण्डलों के गठन का संकल्प लिया।