देव संस्कृति विश्वविद्यालय में ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन: श्रद्धा और सेवा के मार्ग पर समाज में सद्भाव का दीप प्रज्ज्वलित
देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन ने श्रद्धा और सेवा के मार्ग पर चलते हुए समाज में सद्भाव का दीप प्रज्ज्वलित किया। यह पवित्र यात्रा आत्मिक उत्थान का प्रतीक है ।
ज्योति कलश यात्रा: श्रद्धा के दीप से मानवता का आलोक
परमवंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी एवं दिव्य अखण्ड दीप के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित “ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन” की श्रृंखला में 27 दिसंबर 2024 को देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में दक्षिण क्षेत्र (South Zone) के गायत्री परिजनों ने अपनी गहन आस्था और समर्पण के साथ ज्योति कलश का आयोजन किया ।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। उनके करकमलों द्वारा प्रज्ज्वलित यह दीप ज्योति, सभी उपस्थित जनों के हृदय में प्रज्ज्वलित ज्ञान और सद्भाव का प्रतीक बनी। डॉ. पंड्या जी के उद्बोधन ने परिजनों में नई ऊर्जा का संचार किया ।
अपने प्रभावशाली संबोधन में डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने वंदनीया माता जी के जीवन और उनके अविरत तप, त्याग, एवं साधना का स्मरण करते हुए कहा कि माता जी के जीवन के प्रेरक आदर्श हमें हमारी जीवन यात्रा में सतत आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं । वंदनीया माता जी का जीवन धैर्य, करुणा और सेवा का उदाहरण है और आज के युग में जब मानवता विभाजन और संघर्ष से जूझ रही है, उनका संदेश और भी प्रासंगिक हो जाता है ।
उन्होंने आगे कहा कि इस शताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित ज्योति कलश यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि हमारे जीवन को प्रकाशमय करने का संकल्प है। यह यात्रा उस अखण्ड दीप की तरह है, जो जीवन में निरंतर प्रज्ज्वलित रहे, और हमें आत्मिक ऊँचाईयों की ओर प्रेरित करे ।
डॉ. पंड्या जी का यह उद्बोधन अपने आप में एक प्रेरणा स्रोत रहा, जिसमें उन्होंने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के मूल्यों की महत्ता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी परिजनों का यह कर्त्तव्य है कि हम इस प्रकाश को घर-घर, जन-जन तक पहुँचा ऐं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करें ।
इस अवसर पर दक्षिण क्षेत्र के परिजनों ने अपने उत्साह और समर्पण के साथ कार्यक्रम में भाग लिया, जो समाज में शांति, सौहार्द और सेवा की भावना को और अधिक प्रबल बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़े ।