
विशाखापत्तनम में गायत्री साधकों को पूर्व उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी ने किया ज्योति कलश समर्पित
|| विशाखापट्टनम , आंध्र प्रदेश ||
27 फरवरी 2025
परम वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा जी एवं दिव्य अखण्ड दीप के शताब्दी समारोह “ज्योति कलश यात्रा सम्मेलन ” की श्रृंखला में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा गायत्री चेतना केंद्र, विशाखापत्तनम में एक विशेष भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस शुभ अवसर पर भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति आदरणीय श्री एम. वेंकैया नायडू जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सर्वप्रथम विशाखापत्तनम स्थित गायत्री चेतना केंद्र में नवनिर्मित वेदमाता आदिशक्ति माँ गायत्री माता मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, इसके पश्चात मुख्य अतिथियों का स्वागत-सम्मान किया गया एवं उन्हें परम पूज्य गुरुदेव का साहित्य भेंट किया गया।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार साझा किए, उन्होंने बताया की गायत्री परिवार समाज व राष्ट्र निर्माण के लिए आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को केंद्र में रखकर कार्य कर रहा है। त्याग, दया, करुणा, ममता का एक मात्र देश भारत है। भीतर की श्रेष्ठ संभावना को जगाकर हम मनुष्य जीवन को सार्थक करें। उन्होंने इस संगोष्ठी में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचारों के अनुसार विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू जी ने कहा कि वह इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। अपनी मातृभूमि तेलुगू भाषा में संबोधित करते हुए उन्होंने गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज को एक जागृत तीर्थ बताया एवं परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचारों को आधार बना कर अपनी बात रखी। उन्होंने विगत दिनों शांतिकुंज और देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आगमन की स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने भारतीय संस्कृति व आध्यात्मिकता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि गायत्री परिवार का मिशन व्यक्ति, परिवार और समाज निर्माण के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। साथ ही उन्होंने युवाओं से इस आंदोलन से जुड़ने का आह्वान किया। ज्ञात हो कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय में स्थित दक्षिण एशियाई शांति और सुलह संस्थान का शुभारंभ पूर्व में माननीय श्री एम. वैंकेया नायडू जी द्वारा हुआ था।
इस अवसर पर क्षेत्र के MLA एवं TDP के प्रेसिडेंट श्री पल्ला श्रीनू जी ने स्वयं को आज के शुभ अवसर पर आकर सौभाग्यशाली बताया।
विशिष्ट अतिथियों द्वारा शक्ति कलश रथ को झंडी दिखाकर दक्षिण भारत के विभिन्न स्थलों के लिए रवाना किया। अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए, साथ ही सभी विशिष्ट अतिथियों को शांतिकुंज, हरिद्वार आने के लिए आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, गणमान्य नागरिक, समाजसेवी एवं गायत्री परिवार के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रस्तुत है झलकियां।